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डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा विश्वविद्यालय में कमीशन का खेल बहुत बड़ा है। एजेंसी के 400-500 रुपये पाने वाले आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन में से 25 और 40 रुपये कमीशन लेने की जांच शुरू हो गई है। डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति की ओर से बनी समिति ने एजेंसी से भुगतान रसीद और विश्वविद्यालय से कर्मचारियों को किए गए भुगतान के बिल तलब किए हैं।
तलब किए गए बिल
पांच सदस्यीय समिति यह ब्योरा जुटा रही है कि कुलसचिव कार्यालय में 2022 में आउटसोर्स कर्मचारी कितने कार्यरत हैं। एजेंसी को किस मद में इनका भुगतान किया है। इनके ईएसआई, ईपीएफ समेत पूरे ब्योरे का स्टेटस क्या है। कर्मचारियों के नाम और उनके बिल की प्रति भी तलब की है। एजेंसी से भी कर्मचारियों को किस मद में वेतन दिया जा रहा है, नोटिस भेजकर इसकी जानकारी मांगी है। एजेंसी के सर्विस चार्ज को नौ गुना बढ़ाए जाने पर भी पूछताछ हुई है। इसमें समिति ने किस आधार पर नियम विरुद्ध सर्विस चार्ज बढ़ाया है, इसकी भी जांच हो रही है।
राजभवन जाएगी रिपोर्ट
कुलपति प्रो. आशु रानी ने बताया कि कमीशनखोरी और सर्विस चार्ज में नौ गुना बढ़ोतरी के मामले में समिति जांच कर रही है, जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट राजभवन भेजी जाएगी।
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एजेंसी पर भी उगाही का आरोप
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय अनुसूचित जाति, जनजाति कर्मचारी एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. आनंद टाइटलर ने कहा कि आउटसोर्स कंपनी वेंकटेश्वर सिक्योरिटी एंड मैनपावर कंपनी कर्मचारियों का वेतन समय पर जारी नहीं करती। प्रति कर्मचारी दो हजार रुपये अवैध वसूली भी करती है। इसकी शिकायत राजभवन से भी कर चुके हैं।
ये है मामला
आरोप है कि आउटसोर्स कर्मचारी उपलब्ध कराने वाले वेंकटेश्वर सिक्योरिटी एंड मैनपावर कंपनी ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों को कमीशन के चलते 0.5 फीसदी सर्विस चार्ज को नौ गुना बढ़ाकर 4.5 फीसदी करा लिया। हर महीने करीब 14 लाख रुपये से अधिक का भुगतान विश्वविद्यालय करता है। इसके बिल में 405 रुपये पाने वाले कर्मचारियों के वेतन में से 25 रुपये और 499 रुपये पाने वाले कर्मचारियों के वेतन से 40 रुपये कमीशन रजिस्ट्रार चार्ज के तौर पर दर्शाया गया है।
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