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डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा विश्वविद्यालय का हालात में कोई सुधार नहीं है। देरी से प्रवेश, पढ़ाई और देरी से ही परीक्षा परिणाम। डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय इसके लिए बदनाम हो चला है। यहां बीते एक दशक से शिक्षा का यही हाल है। इस सत्र भी सिलसिला टूटा नहीं। अगस्त में पढ़ाई शुरू होनी थी, लेकिन विश्वविद्यालय अभी प्रवेश प्रक्रिया में ही उलझा है। जनवरी में परीक्षाएं हैं, ऐसे में पढ़ाई-लिखाई के लिए महज दो महीने ही बचे हैं।
आगरा विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेज और आवासीय संस्थानों का शैक्षणिक सत्र डेढ़ महीने की देरी से संचालित है। नई शिक्षा नीति के तहत विश्वविद्यालय के शैक्षणिक कैलेंडर पर नजर डालें तो सेमेस्टर कोर्स में 20 अगस्त तक प्रवेश प्रक्रिया पूरी करते हुए 22 अगस्त से पढ़ाई शुरू करानी होती है। 10 से 31 अक्तूबर तक मिड टर्म की परीक्षाएं प्रस्तावित हैं। 15 दिसंबर तक विभिन्न संकाय का पाठ्यक्रम पूरा कराते हुए एक जनवरी 2023 से परीक्षाएं शुरू होनी है। ऐसे में अभी अक्तूबर चल रहा है और अभी भी प्रवेश प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई। पूर्व के संचालित कोर्स की हालत भी लगभग यही है। इस तरह छात्रों को कोर्स पिछड़ रहा है, पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। अब छात्रों के पास पढ़ाई-लिखाई के लिए दो महीने से भी कम समय बचा है।
411 कॉलेज, आठ संकाय हैं संचालित
विश्वविद्यालय से 411 कॉलेज संबद्ध हैं और विश्वविद्यालय में आठ संकाय हैं। इनमें प्रवेश प्रक्रिया अभी चल रही है, विश्वविद्यालय के आवासीय संस्थान के लिए तो पांच बार तारीख भी बढ़ाई जा चुकी है। अभी भी प्रवेश प्रक्रिया पूरी नहीं है। शैक्षणिक सत्र देरी से संचालित होने के कारण भी विद्यार्थी यहां पढ़ने में रुचि नहीं रखते।
ये है शैक्षणिक कैलेंडर
– प्रथम सेमेस्टर प्रवेश की प्रक्रिया पूरी करने की तिथि : 20 अगस्त तक
– नव प्रवेश लेने वाले छात्रों का शिक्षण कार्य प्रारंभ : 22 अगस्त
– प्रथम सेमेस्टर के विद्यार्थियों की मिड टर्म : 10 से 31 अक्तूबर
– प्रथम सेमेस्टर में शिक्षण कार्य पूरा करने की तिथि : 15 दिसंबर
– प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा की घोषित तिथि : एक जनवरी-2023
– प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा परिणाम की अंतिम तिथि : 30 जनवरी-2023
पूर्व में अध्ययनरत वार्षिक प्रणाली का कैलेंडर
– प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण करने की तिथि : 30 जुलाई
– शिक्षण कार्य प्रारंभ : 15 जुलाई से 10 अगस्त के मध्य
– वार्षिक पाठ्यक्रमों का प्रथम टर्म परीक्षा : 15-25 अक्तूबर
तेजी से कराया जाएगा कोर्स
शिक्षकों की नियुक्ति में देरी समेत अन्य वजह से प्रवेश प्रक्रिया देरी हुई, इससे शैक्षणिक कार्य भी पिछड़ गया। इसी सप्ताह प्रवेश प्रक्रिया पूरी करते हुए पढ़ाई-लिखाई शुरू कराएंगे। तेजी से कोर्स पूरा कराने का भी प्रयास रहेगा। – प्रो. अजय तनेजा, प्रति कुलपति
छात्रों का हो रहा नुकसान
विश्वविद्यालय में प्रवेश, परीक्षा और परिणाम समय पर देने में नाकाम साबित हुआ है। इसकी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन की है। इससे छात्रों का शैक्षणिक नुकसान हो रहा है। ज्ञापन देने पर भी इन पर अधिकारी गंभीर नहीं हुए। – सौरभ चौधरी, छात्र नेता
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