[ad_1]
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में पदक केवल टॉपर को ही दिए जाते हैं। चाहे वह स्वर्ण हो या फिर रजत। रजत से मतलब दूसरे स्थान पर रहने वाला अभ्यर्थी कतई नहीं होता है। दोनों बराबर (समान) हैं।
विभिन्न प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक पहले स्थान पर रहने वाले और रजत पदक दूसरे स्थान पर रहने वाले प्रतिभागी को दिए जाते हैं। पर, दीक्षांत समारोह में पदक निर्धारण की व्यवस्था अलग है। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह ने बताया कि विभिन्न पाठ्यक्रमों, विषयों, पेपर और वर्ष में सर्वाधिक अंक लाने वाले को पदक दिया जाता है। दो तरह के पदक दिए जाते हैं। स्वर्ण और रजत। दोनों पदकों के लिए अलग-अलग फीस निर्धारित है। जो लोग पदक निर्धारण के लिए आवेदन करते हैं, यह उनके ऊपर निर्भर होता है कि वह किसी पाठ्यक्रम, विषय, पेपर में कौन सा पदक चाहते हैं। प्रत्येक श्रेणी में एक ही पदक मिलता है, चाहे वह स्वर्ण हो या फिर रजत।
ये भी पढ़ें – सचिन चौहान हत्याकांड: डीएनए से उलझा केस, नहीं हुआ बालों का मिलान; पीपीई किट में फूंका था शव
यह है प्रक्रिया
कुलसचिव ने बताया कि पदक के लिए कुलसचिव कार्यालय में आवेदन करना होता है। लोग अपने परिवार के किसी सदस्य, गणमान्य या सम्मानित व्यक्ति के नाम से पदक शुरू कराने के लिए आवेदन करते हैं। इसके लिए निर्धारित फीस जमा होती है। प्रस्ताव को कार्य परिषद में रखा जाता है, वह निर्णय लेती है। जिस पाठ्यक्रम, विषय या पेपर व वर्ष में पदक नहीं होता है, उसी में आवेदन लिए जाते हैं। विश्वविद्यालय की ओर से बृहस्पतिवार को जो सूची अपडेट की गई, उसके अनुसार 108 स्वर्ण और 15 रजत पदक 88वें दीक्षांत समारोह में 13 अप्रैल को छात्र-छात्राओं को दिए जाएंगे।
[ad_2]
Source link