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डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय
– फोटो : अमर उजाला
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डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में रोजाना 200 से अधिक शिकायतें आ रही हैं। इनमें से बमुश्किल 20-30 शिकायतों का ही निस्तारण हो पा रहा है। इससे छात्रों को परेशान होना पड़ रहा है। दूरदराज से आने वाले छात्र-छात्राओं को सबसे ज्यादा दिक्कत हो रही है।
विश्वविद्यालय के हेल्प डेस्क, परीक्षा नियंत्रक कार्यालय और सहायक कुलसचिव कार्यालय के पास आने वाली शिकायतों में अधिकांश अंकतालिका में अंक न दर्ज होने, नामांकन संख्या न होने, नामों की स्पेलिंग में गड़बड़ी की हैं। डिग्री-अंकतालिका और माइग्रेशन के लिए भी रोजाना 60 से 80 प्रार्थनापत्र आ रहे हैं। इनका निराकरण नहीं होने से शिकायती पत्रों का समाधान नहीं हो पा रहा है।
विश्वविद्यालय में आई फिरोजाबाद की आयुषी गुप्ता ने बताया कि एमएससी कंप्यूटर साइंस का परिणाम बीते साल 28 अक्तूबर को आया था, लेकिन अंकतालिका में प्रायोगिक परीक्षा के अंक विश्वविद्यालय ने दर्ज नहीं किए हैं। इससे उसको अंकतालिका नहीं मिल पा रही। वह दो बार प्रार्थना पत्र भी दे चुकी हैं, फिर भी कोई सुनवाई नहीं हो रही।
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अखिलेश चौधरी का कहना है कि छात्रों की समस्याओं का समाधान न होने के लिए एजेंसी जिम्मेदार है। कर्मचारी उसे एजेंसी भेज देते हैं, लेकिन वहां से सुधार में देर हो रही है। परीक्षा नियंत्रक डॉ. ओमप्रकाश ने बताया कि बीते दिनों सर्वर ठप होने से कार्य प्रभावित हुआ था, शिकायतों का निस्तारण तेजी से करने के लिए निर्देशित कर दिया है।
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