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पुलिस कमिश्नरेट
– फोटो : अमर उजाला।
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आगरा में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम से कानून व्यवस्था में बड़ा बदलाव नजर आएगा। इससे जहां जनता को सहूलियत मिलेगी, वहीं अपराध नियंत्रण होगा। जिले को तीन जोन में बांटा जाएगा। इनमें शहरी, पश्चिमी और पूर्वी जोन शामिल हैं। इसके साथ ही प्रस्तावित दो नए सर्किल के साथ 14 सर्किल बन जाएंगे। 44 थाने होंगे। एक -दो दिन में ही अधिकारियों को तैनाती मिलने की उम्मीद है।
आगरा में एसएसपी के अलावा एसपी नगर, पश्चिमी और पूर्वी हैं। इसके साथ ही एसपी क्राइम, एसपी प्रोटोकाल तैनात हैं। जिले में 12 सर्किल हैं। इनमें शहर में कोतवाली, छत्ता, हरीपर्वत, लोहामंडी, सदर, ताज सुरक्षा आते हैं, जबकि पश्चिमी क्षेत्र में एत्मादपुर, अछनेरा, खेरागढ़ और पूर्वी में फतेहाबाद, रविंद्र प्रताप सिंह, पिनाहट आते हैं। थानों की बात करें तो कुल 44 हैं। इनमें शहर में 19 थाने हैं, जबकि 25 देहात में हैं। शहर में पर्यटन, महिला और ताज सुरक्षा थाना भी शामिल है।
कमिश्नरेट प्रणाली से शहरी क्षेत्र में एक ज्वाइंट सीपी, एक डीसीपी तैनात होंगे। दोनों आईपीएस अधिकारी होंगे। एक एएसपी तैनात होंगे। ट्रैफिक में भी एक डीसीपी तैनात किए जाएंगे। पूर्वी और पश्चिमी जोन के लिए भी यही व्यवस्था होगी। सर्किल में सीओ की जगह एसीपी तैनात कर दिए जाएंगे। एसीएम की तरह उनकी कोर्ट लगा करेगी। वह शांति भंग के मामलों की सुनवाई करेंगे। एसपी क्राइम और प्रोटोकाल की जगह एडीशनल सीपी रैंक के अधिकारी होंगे। वर्तमान में 13 सीओ तैनात हैं। इनकी संख्या 22 हो जाएगी। यह एसीपी कहलाएंगे।
एसएसपी कार्यालय होगा पुलिस कमिश्नर कार्यालय
पुलिस लाइन में एसएसपी ऑफिस है। इसे हाल ही में कलेक्ट्रेट से शिफ्ट किया गया है। अब पुलिस एसएसपी कार्यालय का नाम बदलकर पुलिस कमिश्नर कार्यालय हो जाएगा। यहीं पर जनता की सुनवाई हुआ करेगी। महिला अपराध पर अंकुश लगाने के लिए महिला आईपीएस अधिकारी को तैनात किया जाएगा। वह अपराध की निगरानी करेंगी। साइबर एक्सपर्ट भी तैनात किए जाएंगे, जिससे साइबर क्राइम में कमी लाई जा सके।
पहले कारगर साबित हुई है व्यवस्था
गाजियाबाद, आगरा और प्रयागराज में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद अब प्रदेश में पुलिस कमिश्नरेट की संख्या सात हो गई है। इससे पहले 13 जनवरी 2020 को लखनऊ और नोएडा में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू की गई थी। 26 मार्च 2021 को कानपुर और वाराणसी में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू हुई। तीन जिलों लखनऊ, कानपुर और वाराणसी में पहले ग्रामीण क्षेत्र को अलग रखा गया था। लेकिन 4 नवंबर 2022 को विस्तार करते हुए ग्रामीण क्षेत्र को भी कमिश्नरेट में शामिल कर लिया गया था। इन जिलों में यह व्यवस्था काफी कारगर साबित हुई है। सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, इन जिलों में क्राइम कंट्रोल में कामयाबी मिली है।
जोन में अब सात जिले
आगरा के कमिश्नरेट बनने से जोन और रेंज कार्यालय से अलग हो जाएगा। इस तरह से जोन में सात जिले ही रह जाएंगे। इनमें मथुरा, फिरोजाबाद, एटा, मैनपुरी, अलीगढ़, हाथरस और कासगंज रह जाएंगे। इसी तरह रेंज में मथुरा, फिरोजाबाद और एटा ही रह जाएंगे। आगरा में पुलिसकर्मियों के तबादले लखनऊ स्तर पर हुआ करेंगे। थाना प्रभारी की तैनाती के लिए अनुमोदन के लिए रेंज और जोन कार्यालय नहीं जाना होगा।
शहरी जोन सर्किल थाने
कोतवाली कोतवाली, एमएम गेट, नाई की मंडी
छत्ता छत्ता, मंटोला, एत्माद्दौला
हरीपर्वत हरीपर्वत, सिकंदरा, न्यू आगरा, कमला नगरा
सदर सदर, ताजगंज, रकाबगंज
लोहामंडी लोहामंडी, शाहगंज, जगदीशपुरा
ताज सुरक्षा पर्यटन, महिला, ताज सुरक्षा
पूर्वी जोन सर्किल थाने
फतेहाबाद फतेहाबाद, डौकी, शमसाबाद
बाह बाह, जैतपुर, चित्राहाट
पिनाहट पिनाहट, बसई अरेला, मंसुखपुरा, पिढ़ौरा
बासौनी बासौनी, खेड़ा राठौर और निबोहरा
पश्चिमी जोन सर्किल थाने
अछनेरा अछनेरा, मलपुरा, फतेहपुर सीकरी
एत्मादपुर एत्मादपुर, खंदौली, बरहन
खेरागढ़ खेरागढ़, बसई जगनेर, जगनेर
सैंया सैंया, कागारौल, इरादतनगर
चार नए थानों की भी उम्मीद
एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने आगरा में चार नए थाने बनाने का प्रस्ताव भेजा था। इनमें ट्रांसयमुना कॉलोनी, बुंदू कटरा, डौकी और किरावली शामिल थे। कमिश्नरेट बनने से अब यह चार नए थाने भी जल्द बनाए जा सकते हैं।
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