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गंगाजल (सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
तीन साल पहले 130 किमी दूर बुलंदशहर के पालड़ा से पाइपलाइन के जरिये 140 क्यूसेक गंगाजल आगरा को तृप्त करने के लिए आया। गंगाजल तो आ गया लेकिन सभी घरों को नहीं मिल पाया। इस पानी को जनता तक पहुंचाने के लिए जो जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर चाहिये था, वह बनाया नहीं। 2019 में घरों तक गंगाजल ले जाने के लिए पाइपलाइन बिछाने का काम शुरू किया गया जो अब पूरा होने को है। नए साल में शहर के 2.5 लाख लोगों को गंगाजल मिलने की उम्मीद है। किन जगहों पर लोगों का स्वच्छ पानी का सपना पूरा होगा। पढ़िए अमर उजाला संवाददाता अमित कुलश्रेष्ठ की खास रिपोर्ट…
उपलब्धि
- ताजगंज को 24 घंटे पानी देने का काम पूरे साल चला, इसमें अब वाटर मीटर लगाने का काम चल रहा है। यहां 17509 घरों में नए पानी के कनेक्शन और मीटर लगाए जा रहे हैं।
परेशानी: पूरे साल पानी के लिए जूझता रहा आगरा
- साल 2022 में पूरे साल आगरा पानी के संकट से जूझता रहा। जीवनीमंडी वाटरवर्क्स से 130 साल पुरानी पाइपलाइन लीक होती रही, जिसकी मरम्मत में हर बार एक से दो दिन तक वाटरवर्क्स बंद रहा।
- यमुना पार पानी का संकट गर्मी से सर्दी तक गहराया रहा। नाई की सराय पंपिंग स्टेशन में ट्यूबवेल खराब हो जाने के कारण पूरे साल यमुनापार क्षेत्र के लोग परेशान रहे। 4 साल पुरानी ट्यूबवेल की क्षमता में भी कमी आई है जिस वजह से प्रेशर और पानी के लिए लोग जूझते रहे।
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