Wednesday, January 8, 2025
Home Agra Agra People Hope To Get Ganga Jal In New Year 2023 – उम्मीद: नए साल में ताजनगरी के 2.5 लाख लोगों को मिलेगा गंगाजल, पढ़िए यह खास रिपोर्ट

Agra People Hope To Get Ganga Jal In New Year 2023 – उम्मीद: नए साल में ताजनगरी के 2.5 लाख लोगों को मिलेगा गंगाजल, पढ़िए यह खास रिपोर्ट

by amitsagar
0 comment

[ad_1]

गंगाजल (सांकेतिक तस्वीर)

गंगाजल (सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : अमर उजाला

ख़बर सुनें

तीन साल पहले 130 किमी दूर बुलंदशहर के पालड़ा से पाइपलाइन के जरिये 140 क्यूसेक गंगाजल आगरा को तृप्त करने के लिए आया। गंगाजल तो आ गया लेकिन सभी घरों को नहीं मिल पाया। इस पानी को जनता तक पहुंचाने के लिए जो जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर चाहिये था, वह बनाया नहीं। 2019 में घरों तक गंगाजल ले जाने के लिए पाइपलाइन बिछाने का काम शुरू किया गया जो अब पूरा होने को है। नए साल में शहर के 2.5 लाख लोगों को गंगाजल मिलने की उम्मीद है। किन जगहों पर लोगों का स्वच्छ पानी का सपना पूरा होगा। पढ़िए अमर उजाला संवाददाता अमित कुलश्रेष्ठ की खास रिपोर्ट…

उपलब्धि

  • ताजगंज को 24 घंटे पानी देने का काम पूरे साल चला, इसमें अब वाटर मीटर लगाने का काम चल रहा है। यहां 17509 घरों में नए पानी के कनेक्शन और मीटर लगाए जा रहे हैं।

परेशानी: पूरे साल पानी के लिए जूझता रहा आगरा

  • साल 2022 में पूरे साल आगरा पानी के संकट से जूझता रहा। जीवनीमंडी वाटरवर्क्स से 130 साल पुरानी पाइपलाइन लीक होती रही, जिसकी मरम्मत में हर बार एक से दो दिन तक वाटरवर्क्स बंद रहा।
  • यमुना पार पानी का संकट गर्मी से सर्दी तक गहराया रहा। नाई की सराय पंपिंग स्टेशन में ट्यूबवेल खराब हो जाने के कारण पूरे साल यमुनापार क्षेत्र के लोग परेशान रहे। 4 साल पुरानी ट्यूबवेल की क्षमता में भी कमी आई है जिस वजह से प्रेशर और पानी के लिए लोग जूझते रहे।

उम्मीद 2023: यमुनापार के लोगों को मिलेगा पानी

  • यमुनापार के तीन लाख से ज्यादा लोगों को नए साल में नई उम्मीद जगेगी। जलनिगम ने यमुनापार के लिए शहर के तीसरे वाटरवर्क्स के निर्माण की योजना बनाई है, जो प्रदेश सरकार ने अमृत योजना में मंजूर भी कर ली है। अभी तक यमुनापार के लोग ट्यूबवेल के जरिए खारा पानी पी रहे थे, पर अब यमुना नदी का पानी उन्हें उपलब्ध हो सकेगा। साढ़े पांच सौ करोड़ रुपये की योजना पर अगले साल काम शुरू होने की उम्मीद है।
  • सुभाष नगर, कलाकुंज, बोदला, गढ़ी भदौरिया और शंकरगढ़ की पुलिया के आसपास के क्षेत्रों सहित शहर के एक चौथाई हिस्से को नए साल में गंगाजल मिलना शुरू हो जाएगा। आगरा पेयजल आपूर्ति योजना फेज-तीन में 113.79 करोड़ और फेज-चार में 61.86 करोड़ रुपये से यह कार्य कराया जा रहा है, जो अब आखिरी चरण में है।

यहां टंकी से मिलेगा गंगाजल

  • गढ़ी भदौरिया में 2200 किलोलीटर का उच्च जलाशय और 600 किली का भूमिगत जलाशय, गुम्मट पार्क आवास विकास में 1400 किली का उच्च जलाशय और 350 किलोलीटर का भूमिगत जलाशय, राममोहन नगर सेंट्रल पार्क में 2100 किलोलीटर का उच्च जलाशय और 550 किलोलीटर का भूमिगत जलाशय बनाया गया है।
  • कोतवाली में 1000 किलोलीटर, रकाबगंज में 4300 किलोलीटर, शाहगंज में 4500 किलोलीटर, केशवकुंज में 1900 किलोलीटर का जोनल पंपिंग स्टेशन बनाया गया है। जोनल पंपिंग स्टेशनों के लिए 85 किमी पाइपलाइन डाली गई है।
  • गूलर का नगला में 2250 किलोलीटर, कलाकुंज में 2550 किली, शंकरगढ़ की पुलिया में 2450 किलोलीटर, आजमपाड़ा में 2000 किलोलीटर की क्षमता के उच्च जलाशय बनाए गए हैं। गूलर का नगला में 750 किली और शंकरगढ़ की पुलिया में 2345 किलोलीटर का भूमिगत जलाशय बन रहा है। 89 किमी की लाइन बिछा कर एक लाख लोग गंगाजल ले सकेंगे।

सरकार से मिली मंजूरी

एत्मादपुर के विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह ने बताया कि यमुनापार के तीन लाख लोगों के लिए नए वाटरवर्क्स का काम नए साल में शुरू कराने का लक्ष्य है। प्रदेश सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी है। कोशिश है कि नए साल में निर्माण शुरू होने के साथ इससे जुड़ी पाइपलाइनों का भी काम कराया जाए। 

कोरोना की वजह से देरी

जलनिगम के प्रोजेक्ट मैनेजर रमेश चंद्र ने बताया कि कोरोना काल के कारण पानी की योजनाएं पूरी करने में देरी हुई है। टंकियों के निर्माण में भी समय लगा, पर अब नए साल में घरों के कनेक्शन करने के बाद जलापूर्ति करा दी जाएगी। कई जगह टेस्टिंग का काम पूरा हो चुका है। 

आगरा स्मार्ट सिटी के आनंद मेनन ने कहा कि ताजगंज के 17 हजार घरों में मीटर लगाकर नए साल से 24 घंटे जलापूर्ति शुरू कर देंगे। अभी ताजगंज के कई क्षेत्रों में चार से पांच घंटे ही जलापूर्ति हो रही है। सभी मीटर और सेंसर लगने के बाद पानी की हर समय उपलब्धता रहेगी। 

विस्तार

तीन साल पहले 130 किमी दूर बुलंदशहर के पालड़ा से पाइपलाइन के जरिये 140 क्यूसेक गंगाजल आगरा को तृप्त करने के लिए आया। गंगाजल तो आ गया लेकिन सभी घरों को नहीं मिल पाया। इस पानी को जनता तक पहुंचाने के लिए जो जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर चाहिये था, वह बनाया नहीं। 2019 में घरों तक गंगाजल ले जाने के लिए पाइपलाइन बिछाने का काम शुरू किया गया जो अब पूरा होने को है। नए साल में शहर के 2.5 लाख लोगों को गंगाजल मिलने की उम्मीद है। किन जगहों पर लोगों का स्वच्छ पानी का सपना पूरा होगा। पढ़िए अमर उजाला संवाददाता अमित कुलश्रेष्ठ की खास रिपोर्ट…

उपलब्धि

  • ताजगंज को 24 घंटे पानी देने का काम पूरे साल चला, इसमें अब वाटर मीटर लगाने का काम चल रहा है। यहां 17509 घरों में नए पानी के कनेक्शन और मीटर लगाए जा रहे हैं।

परेशानी: पूरे साल पानी के लिए जूझता रहा आगरा

  • साल 2022 में पूरे साल आगरा पानी के संकट से जूझता रहा। जीवनीमंडी वाटरवर्क्स से 130 साल पुरानी पाइपलाइन लीक होती रही, जिसकी मरम्मत में हर बार एक से दो दिन तक वाटरवर्क्स बंद रहा।
  • यमुना पार पानी का संकट गर्मी से सर्दी तक गहराया रहा। नाई की सराय पंपिंग स्टेशन में ट्यूबवेल खराब हो जाने के कारण पूरे साल यमुनापार क्षेत्र के लोग परेशान रहे। 4 साल पुरानी ट्यूबवेल की क्षमता में भी कमी आई है जिस वजह से प्रेशर और पानी के लिए लोग जूझते रहे।



[ad_2]

Source link

You may also like

Leave a Comment

About Us

We're a media company. We promise to tell you what's new in the parts of modern life that matter. Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Ut elit tellus, luctus nec ullamcorper mattis, pulvinar dapibus leo. Sed consequat, leo eget bibendum sodales, augue velit.

Facebook Twitter Youtube Linkedin Instagram

Fear for many online retailers as shoppers hit by trio of rising living costs

Recent Articles

Fear for many online retailers as shoppers hit by trio of rising living costs Daily horoscope: Your star sign reading, astrology and zodiac forecast Theory: Tom Holland’s Peter Parker replaced by Miles Morales in next trilogy

Featured

Latest box office bomb ‘will lose $100 million’ amid ongoing pandemic England vs South Africa free live stream: Watch Autumn Nations Series online White House plan aims to protect science from politics with new approach @2022 - All Right Reserved. Designed and Developed by PenciDesign