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एटा। जनपद में बदहाल बिजली व्यवस्था को रिवैंप योजना के तहत सुधारा जाएगा। इसके लिए जिले से 195 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया है। इसके पास होते ही जिले में योजना के तहत कार्य कराया जाएगा। जर्जर लाइनों व ओवरलोड ट्रांसफार्मर के चलते आए दिन फॉल्ट होते हैं। इसकी वजह से उपभोक्ता परेशान हैं। कई बार तो घंटों फॉल्ट ठीक न होने से बिजली गुल रहती है। शहर में बिजली व्यवस्था सुधारने के लिए करीब छह वर्ष पूर्व आई योजना आईपीडीएस कम बजट होने से ऊंट के मुंह में जीरा साबित हुई थी।
दिनोंदिन कनेक्शन बढ़ने और घरेलू उपकरणों में वृद्धि होने से खपत बढ़ी है। इससे शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र की बिजली व्यवस्था सुधारने के लिए अब रिवैंप योजना के तहत काम कराया जाएगा। इसमें शहर, कस्बा व घनी आबादी वाले गांवों में जर्जर तारों से मुक्ति दिलाने के साथ बंच केबल डाली जाएगी। ओवरलोड ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि, नए ट्रांसफार्मर, जर्जर लाइनें बदलना, जरूरत के अनुसार मोहल्लों में विद्युत खंभे, विद्युतीकरण का कार्य किया जाएगा।
इसके अलावा नए बिजली उपकेंद्रों का भी निर्माण कराया जाएगा। योजना का मुख्य उद्देश्य बिजली चोरी रोकने के साथ विभाग का राजस्व बढ़ाना और उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली पहुंचाना है। योजना के तहत प्रथम चरण में शहर व दूसरे चरण में ग्रामीण क्षेत्र में काम किया जाएगा।
वर्जन
रिवैंप योजना के तहत 195 करोड़ रुपये का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। स्वीकृति मिलते ही कई कार्य कराएं जाएंगे। प्रस्ताव के अनुसार कार्य होने पर अगले सात-आठ वर्ष तक ओवरलोडिंग की समस्या नहीं आएगी।
राजकुमार, अधीक्षण अभियंता
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