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आगरा. (ब्यूरो) जूता दस्तकार, व्यापारी और खरीदार एक ही छत के नीचे आ जाएं. इसी मंशा के साथ शहर में जूता मंडी (प्रदर्शनी, प्रशिक्षण एवं कल्याण केंद्र) की नींव रखी गई. निर्माण के 14 वर्ष बाद भी ये वीरान हैं. इसको आबाद करने के कई बार प्रयास किए गए. दुकानों के आवंटन में आकर्षक स्कीम्स लेकर ओडीओपी योजना को भी सम्मलित किया गया, लेकिन शू कारीगर और व्यापारियों का जूता मंडी से मोह भंग ही रहा.
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