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आगरा:( ब्यूरो) 'बाबूजी रामलला बाहर पड़े हैं.Ó आंखों से झर-झर बहते आंसुओं के बीच उदयराज मिश्र अपने पिताजी स्व. श्री महानंद मिश्र को अयोध्या से वापस लौटने के बाद वहां के हाल बता रहे थे. पास खड़े 10 वर्षीय मासूम बालक इस घटनाक्रम को अपनी नजर के सामने देख रहे थे. उन्हें नहीं मालूम था कि क्यों ताऊजी इस तरह बाबाजी के पैरों के पास बैठकर रो रहे हैं? वो तो सिर्फ इसलिए दौड़कर ताऊ उदयराज के पास पहुंचे थे कि ताऊजी अयोध्या से वापस आएं हैं तो रामदाना लेकर आएं होंगे.
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