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आगरा: (ब्यूरो) 'हमारी लड़ाई उनसे है, जिन्होंने हमारी 3 पीढिय़ों को बर्बाद किया है. न्याय मिलने तक यह जंग जारी रहेगी.Ó बेटी की मौत के बाद पिछले 11 सालों से न्याय के भटक रहे परेशान पिता के मुंह से अचानक निकले यह शब्द उस पीड़ा को बयां कर रहे हैं जो मरने से पहले शोध छात्रा ने बर्दाश्त की होगी. शोध छात्रा की एक-एक चीख आज भी बुजुर्ग पिता के कानों में गूंज रही है. दैनिक जागरण आईनेक्स्ट से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि 'भरोसा है…मेरे मरने से पहले, मेरी बेटी को न्याय जरूर मिलेगा.Ó
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