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आगरा. (ब्यूरो) 'दाग लगने से अगर कुछ अच्छा होता है, तो दाग अच्छे हैंÓ. ये लाइंस आपको एक डिटर्जेंट पाउडर के एड में सुनने को मिली होंगी. एड में एक भाई अपनी रोती हुई मासूम बहन के चेहरे पर खुशी लाने के लिए खुद को भी पानी से भरे गड्ढे में गंदा कर लेता है. ये दाग किसी के चेहरे पर खुशी लाने के लिए लगे हों, लेकिन इसी तरह ताज के दाग भी खुशी का जरिया बन गए हैं. ये खुशी पैसा बनाने की है. 15 वर्ष में 10 बार ताज पर मडपैक ट्रीटमेंट किया गया. इस पर 1.74 करोड़ रुपए का खर्च भी हुआ. पर्यावरणविद् से लेकर एएसआई की रसायन शाखा के ऑफिशियल ने भी इस सवाल उठाए. मडपैक ट्रीटमेंट से ताज के पत्थरों को नुकसान होने की आशंका जताई गई. बावजूद इसके ये प्रोसेस जारी है. ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि ताज के दाग आखिरकार किस के लिए अच्छे हैं? जो इस मडपैक ट्रीटमेंट के लिए जरिए लगातार बजट खर्च किया जा रहा है?
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Agra News ट्रीटमेंट, जानकार बार-बार मडपैक ट्रीटमेंट का करते हैं विरोध
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