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आगरा. (ब्यूरो) कभी कल-कल करने वाली कालिंदी (यमुना नदी) ताजनगरी में आज अपनी दयनीय स्थिति से कराह रही है. कई सारे सरकारी दावे, तीन-तीन यमुना एक्शन प्लान और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बावजूद यमुना नदी आज भी प्रदूषण का दंश झेल रही है. बुधवार को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति डॉ. अफरोज अहमद ने सर्किट हाउस में बैठक की तो यमुना की बदहाली की तस्वीर सामने आ गई. डिस्ट्रिक्ट इन्वायरमेंट प्लान और एनजीटी के निर्देशों के अनुपालन को उठाए गए कदमों की जानकारी लेते हुए निर्देश दिए कि ङ्क्षसथेटिक लेदर वेस्ट की समस्या अत्यंत गंभीर है. आगरा में जूता कारखाना संचालक इसे नालों में डाल देते हैं. यह यमुना की तलहटी में पहुंचकर भूगर्भ जल रिचार्ज के स्रोत बंद कर रहा है. लेदर वेस्ट के उचित निस्तारण को वैज्ञानिक तरीका ढूंढ़ा जाए, जिससे कि गंभीर हो चुकी समस्या से शहर को निजात मिले. प्रतिदिन शहर में उत्पन्न हो रहे म्यूनिसिपल सालिड वेस्ट का समयबद्ध निस्तारण किया जाए.
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Agra News टूट रही यमुना की सांस, इसे बचाओ
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