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अब हमारे बस ही नहीं …. अब तो कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ाने के नाम पर पहले खर्चे की चिंता होती है, इन कॉन्वेंट स्कूल से मोह भंग हो रहा है. स्कूल फी, स्टेशनरी से खर्च वहन नहीं हो पा रहा है. यही कारण है कि अब पेरेंट्स बजट फें्रडली स्कूल्स की ओर रुख कर रहे हैं. इनकम टैक्स स्लैब में आने वाले पेरेंट्स जहां टैक्स के बोझ से पहले ही परेशान हैं, वहीं अब बच्चों के एडमिशन का चैलेंज भी उन्हें परेशान करने लगा है. खासतौर पर मिडिल क्लास का बजट पूरी तरह बिगड़ गया है.
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Agra news: किस-किस चीज की फीस भरें, अब हमारे बस की नहीं…
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