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सोरोंजी। ब्राह्मण कल्याण सभा के तत्वावधान में बृहस्पतिवार को सूकरक्षेत्र की पंचकोसी परिक्रमा का आयोजन किया गया। देवोत्थान एकादशी पर सुबह बड़ी संख्या में श्रद्धालु हरि की पौड़ी के वराह घाट पहुंचे। उन्होंने गंगा के पवित्र जल में स्नान कर वराह मंदिर में पूजा-अर्चना की। 51 कलशों में भरे दुग्ध से पतित पावनी मांगंगा का अभिषेक किया गया। इसके बाद भगवान वराह व मां गंगा के जयकारे लगाते हुए श्रद्धालुओं ने पंचकोसी परिक्रमा प्रारंभ की। श्रद्धालु ढोलक मंजीरा बजाते हुए हरि नाम का संकीर्तन करते परिक्रमा पथ पर आस्था के पग बढ़ाते चल रहे थे। परिक्रमा संयोजक शरद कुमार पांडे ने कहा कि देवोत्थान एकादशी वह तिथि है जब भगवान विष्णु अपनी निद्रा से जागते है। इनके जागने के साथ ही सभी मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं। इस दिन व्रत रखकर देवताओं को नई फसल सिंघाड़ा, शकरकंद, गन्ना अर्पित कर सूकर क्षेत्र की पंचकोसी परिक्रमा करने से देव धन, समृद्धि से परिपूर्ण रहने का आशीर्वाद देती हैं। श्रद्धालुओं ने परिक्रमा मार्ग पर स्थित सूर्य कुंड, सीताराम जी मंदिर, सिद्ध पीठ बटुकनाथ, चंद्रकूप, 84 घंटे वाली मैया, बाछरु देव, आदि मंदिरों में पहुंचकर भजन कीर्तन किए। समाजसेवियों ने श्रद्धालुओं को फलाहार कराया। परिक्रमा में शिवांशु दुबे, जयप्रकाश त्रिवेदी, अभिषेक वशिष्ठ, योगेश उपाध्याय, शिव बेंदेल, हरिओम पचौरी, केशव महेरे, आदि के साथ बड़ी संख्या श्रद्धालु शामिल रहे।
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