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कासगंज/ सोरोंजी। श्राद्ध पक्ष शुक्रवार को भाद्रपद की पूर्णिमा से शुरू हो गए। तीर्थनगरी सोरोंजी की हरि की पौड़ी पर श्रद्धालुओं ने श्राद्धपूजा आयोजित कर तर्पण किया। कछला, लहरा, कादरगंज, सहवाजपुर गंगाघाटों पर सुबह से ही पितरों को जलदान कर तर्पण करने के लिए श्रद्धालु पहुंच गए। श्रद्धालुओं ने गंगास्नान कर गंगाजल से तर्पण किया। इसके पश्चात श्राद्ध पूजा व अन्य अनुष्ठान आयोजित किए। ब्राह्मणों को भोज कराया एवं दानपुण्य किया।
श्रद्धालुओं ने तीर्थंनगरी की हरि की पौड़ी पर गंगा स्नान कर अपने पितरों को याद कर जलदान किया। श्रद्धालु अपने साथ कुश लेकर आए थे। वहीं विद्वान आचार्यों के निर्देशन में भी श्रद्धालु सामूहिक रूप से हरि की पौड़ी किनारे स्थित विभिन्न घाटों पर पितरों का तर्पण विधि-विधान पूर्वक कर रहे थे। बड़ी संख्या में राजस्थान, एमपी राज्यों से आए श्रद्धालुओं ने अपने पितरों की आत्म शांति के लिए तीर्थपुरोहितों से धार्मिक अनुष्ठान कराए। इससे पूर्व श्रद्धालुओं ने मुंडन कराकर गंगाजल में स्नान किया। श्रद्धालुओं ने तर्पण करने के बाद आचार्यों व पुरोहितों को दक्षिणा देकर आशीर्वाद लिया। तर्पण अनुष्ठान व गंगा स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने वराह मंदिर में जाकर मत्था टेका, भगवान वराह के दर्शन कर प्रसाद चढ़ाया दान दिया। हरि की पौड़ी की परिक्रमा कर मार्ग में बैठे निर्धनों को अन्न वस्र का दान किया। भगवान वराह व गंगा मैया के जयघोषों से पूरे दिन गंगा घाट गुंजायमान होते रहे।
श्रद्धालु क्षेत्राधीश वराह मन्दिर पहुंचे जहां भगवान वराह को प्रसाद चढ़ाकर आरती उतारी। सुख शांति का भगवान से आशीष मांगा। द्वारिकाधीश, बालाजी, सोमेश्वर, सिद्ध विनायक, सिद्ध हनुमान, योगेश्वर, बटुकनाथ, पंचमहाशक्ति, 84 घंटे वाली मां, श्याम वराह, मानस मंदिर, गंगा माता, सीतारामजी मंदिर, भागीरथ गुफा आदि में भी देर शाम तक दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। गंगास्नान को आए श्रद्धालु योगमार्ग स्थित अपने गुरुओं के आश्रम पहुंचे। जहां आश्रमों में अपने गुरु को शीश नवाकर वहां मौजूद महात्माओं के लिए अन्न क्षेत्र चलाया। महेश दयानंद सोहम आश्रम, स्वामी अमृतानंद आश्रम, टाटिया बाबा आश्रम, भूदत्त आश्रम, नागालैंड आश्रम, ब्रह्मानंद सोहम आश्रम आदि में अन्न क्षेत्र चलाए गए।
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