[ad_1]
मैनपुरी। शहर के प्रमुख चौराहों को सौंदर्यीकरण के नाम पर तोड़ दिया गया था। छह महीने से शहर के प्रमुख चौराहे टूटे पड़े हैं, उनका सौंदर्यीकरण नहीं हो पा रहा हौ। जिसके चलते शहर की सूरत बिगड़ रही है। जिम्मेदार इन चौराहों के सौंदर्यीकरण पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। पिछले दो महीने से काम पूरी तरह से बंद पड़ा हुआ है।
शहर के प्रमुख चौराहों को छह महीने पहले सौंदर्यीकरण के नाम तुड़वा दिया गया था। लेकिन छह महीने बाद भी चौराहों को सौंदर्यीकरण नहीं हो सका है। इससे शहर की तस्वीर भद्दी दिख रही है। चौराहों की स्थिति बदहाल होने के कारण जनपद आने वाले बाहरी लोग जनपद की स्थिति को लेकर मजाक बना रहे हैं। आखिर मैनपुरी के चौराहों के सौंदर्यीकरण में कितना समय और लगेगा।
दृश्य नंबर-एक
स्थान- करहल चौराहा
यह चौराहा छह महीने पहले बेहतर हालत में था। उसे सौंदर्यीकरण के नाम पर तुड़वा दिया गया। लेकिन छह महीने बाद भी उसका सौंदर्यीकरण नहीं हो सका। चौराहे पर दो महीने से किसी प्रकार का काम बंद है। जिससे यहां पड़े पत्थरों से टकराकर लोग घायल भी होते रहते हैं। वहीं जनपद की पहचान के रूप में जाने जाना वाला यह चौराहा अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है।
दृश्य नंबर-दो
स्थान- भांवत चौराहा
शहर का भांवत चौराहा भी छह महीने पहले अच्छी स्थिति में था। सौंदर्यीकरण के नाम पर इसको तुड़वा दिया गया। चौराहे के सौंदर्यीकरण के लिए पत्थर तीन महीने पहले ही पत्थर मंगवा लिया गया था जो रखा हुआ है लेकिन दो महीने से काम बंद है। जिसके चलते यह चौराहा अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। यहां से गुजरने वाले लोग यही कहते हैं कि आखिर इस चौराहे का सौंदर्यीकरण कब होगा।
शहर के चौराहों पर पूर्व में गोल चक्कर बना हुआ था। जो देखने में अच्छा लगता था अभी किसी प्रकार से टूटने की स्थिति में नहीं था। सौंदर्यीकरण के नाम पर उसे तुड़वा दिया गया। अब छह महीने से दो चार पत्थर लग पाए हैं आखिर कब इन चौराहों की बदहाली की स्थिति सुधरेगी।
वीपी सिंह, आवास विकास
जितनी जल्दबाजी की गई उतनी जल्दबाजी जिम्मेदारों को बनाने में भी करनी चाहिए। शहर के चौराहों से शहर की पहचान है। जिन चौराहों के सौंदर्यीकरण में चार से छह दिन लगते उनका सौंदर्यीकरण छह महीने बाद भी क्यों नहीं हो पाया।
ज्ञान कुमारी, राजा का बाग
[ad_2]
Source link