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संवाद न्यूज एजेंसी, आगरा
Updated Sun, 29 Oct 2023 12:13 AM IST
कासगंज। शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण के चलते शनिवार को सूतक विचार का काफी असर देखा गया। मंदिरों में पूजा-पाठ जल्दी हो गया। दोपहर में ही देव प्रतिमाओं की आरती उतार कर पूजा-अर्चना के बाद मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए। वहीं घरों में सायं का भोजन जल्दी बना लिया गया।
ग्रहण के चलते मंदिरों के सूतक दोपहर 1.05 बजे लग गए। सूतक में देव प्रतिमाओं को छूूना वर्जित माना जाता है। इस समय से पहले मंदिरों में होने वाली सभी आरती पूजा कार्यक्रम संपन्न कराए गए। देव प्रतिमाओं को भी ढक दिया गया और मंदिर के कपाटों को बंद कर दिया गया । धर्मप्रेमी लोगों में भी सूतक का विचार देखा गया। गृहस्थ के सूतक दोपहर 3.07 बजे लगे। जिससे लोगों ने अपने घरों पर इस समय से पहले ही सायं का भोजन तैयार कर लिया। इसके साथ ही तमाम घरों में इस दिन बनने वाले खीर को भी तैयार कर लिया गया। सूतक का असर खाद्य पदार्थों पर न पड़े इसके लिए तुलसी पत्ते, कुश घास खाद्य पदार्थों में डाली। लोगों ने परिवार के सदस्यों पर ग्रहण के प्रभाव के उपाय भी किए। रात्रि में 1.05 बजे ग्रहण शुरू हो गया। जिसका मोक्ष 2.23 बजे हुआ। ग्रहण का मोक्ष हो जाने के बाद लोगों ने देर रात ही स्नान करने के बाद खीर को चंद्रमा की रोशनी में रखा, जिससे खीर में अमृत वर्षा हो सके। गोवर्धनाथ मंदिर के पुजारी बाल किशन शर्मा ने बताया कि मंदिर में प्रतिदिन चार आरती होती हैं। सभी आरती सूतक लगने से पहले करने के बाद मंदिर के कपाट बंद कर दिए।
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