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कोर्ट का आदेश
– फोटो : न्यूज डेस्क, अमर उजाला, आगरा
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उत्तर प्रदेश के आगरा में लेनदेन के विवाद में युवक की हत्या करने के एक मामले में 10 साल बाद कोर्ट का फैसला आया है। अपर जिला जज रणवीर सिंह ने मुख्य आरोपी जितेंद्र को दोषी पाते हुए उसे आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। इसके साथ ही उसके पिता राजहंस, भाइयों धीरेंद्र उर्फ टिन्नू, मोनू और सोनू को संदेह के लाभ में बरी किया।
इसके अलावा कोर्ट ने दुनाली बंदूक का लाइसेंस निरस्त करने का भी आदेश दिया है। रैपुरा भदौरिया पिनाहट निवासी श्यामवती पत्नी विशंभर सिंह ने 5 नवंबर 2012 को पिनाहट थाने में तहरीर दी थी। बताया था कि सुबह 8 बजे पति विशंभर सिंह (58) अपने दामाद पवन कुमार के साथ खेत जा रहे थे।
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रास्ते में लेनदेन के विवाद में राजहंस और उसके बेटे जितेंद्र ,मोनू, धीरेंद्र उर्फ टिन्नू और सोनू ने रोक लिया। मारपीट करने लगे। विरोध करने पर राजहंस के बेटे लाइसेंसी दुनाली बंदूक व अन्य हथियार लेकर आ गए। अपने पिता के कहने पर फायरिंग की। गोली लगने से पति की मौत हो गई। कोर्ट में एडीजीसी रूपेश गोस्वामी ने गवाह और हत्या से जुड़े साक्ष्य पेश किए।
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