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संवाद न्यूज एजेंसी, आगरा
Updated Fri, 10 Nov 2023 12:28 AM IST
भोगांव।
रामलीला मैदान में लगे मेला में बृहस्पतिवार को खुले तारों में उलझकर 6 साल की मासूम की मौत हो गई। झूला संचालक बच्ची का शव घटनास्थल से दूर डालने के बाद भाग गए। दोषियों को पकड़ने की मांग को लेकर परिजन ने पुलिस को शव उठाने से रोक दिया। पुलिस के समझाने के तीन घंटे बाद शव पोस्टमार्टम भेजा गया।
मोहल्ला भीम नगर के पास ही रामलीला मैदान में मेला लगता है। भीम नगर निवासी नीरज नागर की 6 वर्षीय पुत्री आरोही मोहल्ले के ही बच्चों के साथ शाम के समय रामलीला मैदान में खेलने गई थी। मेले में झूला लगाए संचालकों की ओर से खुले तार लगाए थे। मासूम खेलते समय किसी तरह से खुले तारों की चपेट में आ गई। करंट लगने से कुछ ही देर में उसने दम तोड़ दिया। साथ में आए बच्चों ने आरोपी के परिजन को घटना की जानकारी दी। इस बीच झूला चला रहे लोग बच्ची का शव घटनास्थल से कुछ दूरी पर डाल कर भाग गए थे। बच्ची की मौत की खबर मिलते ही ग्रामीण एकत्र हो गए। प्रभारी निरीक्षक हरवेंद्र मिश्रा पुलिस बल के साथ पहुंच गए।
पुलिस ने शव को उठाने का प्रयास किया तो परिजन व ग्रामीणों ने विरोध किया। करीब तीन घंटे तक पुलिस व परिजन के बीच शव को मोर्चरी भिजवाने को लेकर बातचीत चलती रही। इस बीच झूल संचालक पक्ष की ओर से भी समझौते के प्रयास शुरू कर दिए गए। करीब तीन घंटा बाद पुलिस के समझाने पर परिजन व ग्रामीण शांत हुए और मासूम के शव को पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय स्थित मोर्चरी भिजवाया।
अनधिकृत चल रहे हैं झूले
बच्ची की मौत का असली जिम्मेदार कौन है। लापरवाही किसकी है। जानकारी मिली है कि मेला तीन दिन पहले ही समाप्त हो चुका है। झूला संचालन अपनी मनमर्जी से अभी भी संचालन जारी रखे हुए हैं। प्रशासन का मेला लगवाने वालों की ओर से इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। इतना ही नहीं रामलीला मैदान में जहां मेला लगा हुआ है। वहां खुले तारों की ओर कोई रोकथाम के लिए कोई बैरिकेडिंग आदि भी नहीं लगाई गई। यदि व्यवस्था और व्यवस्थापक सजग होते तो शायद मासूम की जान बच सकती थी।
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