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कासगंज। यदि खांसी को 15 दिन से अधिक का समय हो गया है तो इसे मामूूली खांसी समझने की गलती न करें। विभाग के द्वारा चलाए गए 21 दिन के अभियान में 16 नए टीबी मरीज चिह्नित हुए हैं। जिसमें कई मरीज ऐसे सामने आए जो मामूली खांसी समझ कर दवा ले रहे थे, लेकिन जांच कराई तो टीबी निकली। क्षय रोग नोडल अधिकारी डॉ. मनोज शुक्ला ने बताया वर्तमान में जनपद में कुल 1900 टीबी मरीज उपचाराधीन हैं। दो हफ्ते से अधिक समय तक खांसी आना, दो हफ्ते तक बुखार रहना, खांसी के साथ बलगम और खून आना, क्षय रोग के लक्षण हैं। इसके साथ सीने में दर्द होना, लगातार वजन का घटना भी क्षय रोग का लक्षण है। ऐसे लक्षण होने पर तुरंत नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र पर जांच कराएं। टीबी की पुष्टि होने पर तुरंत उपचार लें। उन्होंने कहा कि टीबी रोगियों को नियमित दवा का सेवन करना चाहिए, इसके साथ पोषण युक्त भोजन लेना चाहिए। उपचार के दौरान क्षय रोगियों को निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपये रोगी के बैंक खाते में भेजे जाते हैं|
जिला समन्वयक धर्मेंद्र यादव ने बताया जनपद में 21 दिवसीय विशेष क्षय रोगी खोज अभियान चलाया गया। अभियान में ग्राम प्रधान के सहयोग से सीएचओ द्वारा 303 कैंप आयोजित किए गए। जिसमें 1990 लोगों में संभावित टीबी रोग पाए जाने पर जांच के लिए भेजा। 1677 लोगों की एक्सरे बलगम व खून की जांच कराई गई। बलगम व एक्सरे जांच में 16 टीबी रोगियों की पुष्टि हुई। इनका उपचार भी शुरू कर दिया गया है।
22 वर्षीय महिला ने दो माह पहले ही शिशु को जन्म दिया है। वह बताती हैं कि गर्भावस्था के समय कोई समस्या नहीं थी और उनका प्रसव भी आराम से हो गया, लेकिन प्रसव के बाद से लगातार बुखार, खांसी होने लगी, वजन भी कम होने लगा। गांव के डॉक्टर से दवा लेने पर आराम नहीं मिला। आशा कार्यकर्ता ज्योति के कहने पर जांच कराई तो फेफड़ों की टीबी निकली।
40 वर्षीय युवक ने बताया कि काफी दिनों से खांसी, बुखार की शिकायत होने पर बाजार से दवा लेकर खाता रहा। लेकिन आराम नहीं मिला। घर पर जब टीम आई तो लक्षण मिलने पर टीबी की जांच कराने की सलाह दी। इसके बाद अस्पताल जाकर बलगम व एक्सरे जांच कराने में टीबी की पुष्टि हुई। अब इलाज चल रहा है, जिससे काफी आराम मिला है।
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