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कासगंज। जिले में 10 निकायों के चुनावों के मतदान की मतगणना शनिवार को संपन्न हुई। इसमें भाजपा ने नगरपालिका की 2 सीटों पर कब्जा जमाया वहीं 2 नगर पंचायत की सीटें भी उसके कब्जे में आईं। सपा केवल गंजडुंडवारा नगरपालिका पर ही जीत दर्ज करा सकी। जिले में बसपा का कोई प्रत्याशी नहीं जीता। 5 निर्दलीय प्रत्याशी नगर पंचायतों में जीते।
कासगंज नगरपालिका की सीट पहले निर्दलीय के हाथ में थी। अब इस सीट पर कांटे के संघर्ष के बाद भाजपा की मीना माहेश्वरी ने जीत हांसिल कर ली। उन्हें 35.56 प्रतिशत मत मिले। वहीं सोरोंजी नगर पालिका परिषद पर भाजपा के प्रत्याशी रामेश्वर दयाल महेरे ने जीत हांसिल की। उन्हें 27.62 प्रतिशत मत मिले। भाजपा की बिलराम नगर पंचायत की अध्यक्ष पद की प्रत्याशी सुनीता ने जीत दर्ज की। उन्हें 25.19 प्रतिशत मत मिले। वहीं पटियाली नगर पंचायत पर भाजपा प्रत्याशी कंचन शाक्य विजयी हुईं। कंचन शाक्य को 36.79 फीसदी मत मिले। इस तरह से चार निकायों पर भाजपा ने कब्जा जमाया। वर्ष 2017 के चुनाव में भाजपा का केवल 3 निकायों पर कब्जा था। एक सीट का भाजपा को फायदा मिला है।
वहीं सपा के गंजडुंडवारा प्रत्याशी हाजी मुनब्बर हुसैन ने जीत हांसिल की। उन्हें 37.27 फीसदी मत मिले। सपा की पिछले चुनावों में दो सीट थीं। जिसमें एक सीट का नुकसान सपा को हुआ है। इसके अलावा मोहनपुर नगर पंचायत में निर्दलीय प्रत्याशी पुनीत कुमार ने 51.12 प्रतिशत मत प्राप्त करके विजय हांसिल की। वर्ष 2017 में यह सीट बसपा के सुभाष शाक्य के कब्जे में थी। भरगैन नगरपंचायत में निर्दलीय चमन खां ने जीत हांसिल की है। उन्हें 39.48 फीसदी मत मिले। चमन खां की पत्नी ने वर्ष 2017 का चुनाव भाजपा से लड़ा था, लेकिन सफल नहीं हो सकी। वर्ष 2017 में इस नगर पंचायत पर सपा की जैतून बानो जीतीं थी। सिढ़पुरा नगर पंचायत में निर्वतमान चेयरमैन कंचन गुप्ता ने पुन: जीत हासिल की है। उन्होंने यह चुनाव निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लड़ा। भाजपा का टिकट न मिलने पर वह बागी प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में थीं। उन्हें 39.26 फीसदी मत मिले। नगर पंचायत सहावर में निर्दलीय प्रत्याशी नाशी खान ने जीत हासिल की। उन्हें 38.49 फीसदी मत मिले। नाशी खान सपा की पूर्व विधायक जीनत खान की बेटी हैं, लेकिन उन्होंने निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ा।
नगर पंचायत अमांपुर पर चांद अली खां ने चुनाव में जीत दर्ज की। वह निर्दलीय रूप से चुनाव लड़े, लेकिन सपा का उन्हें समर्थन मिला। चांद अली को 45.91 फीसदी मत मिले। सभी निकायों पर रोचक मुकाबले हुए। बसपा को नुकसान का सामना करना पड़ा। पार्टी का कोई भी प्रत्याशी नहीं जीता।
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