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मैनपुरी। सड़कों और खेतों में घूम रहे बेसहारा गोवंशों को पकड़ने के लिए जिले में नौ कैटिल कैचर खरीदे जाएंगे। ब्लॉक स्तर पर क्षेत्र पंचायत निधि से इनकी खरीद की जाएगी। अब तक किसी भी ब्लॉक के पास कैटिल कैचर नहीं था। ऐसे में कई बार कर्मचारी घायल हो जाते थे। सभी खंड विकास अधिकारियों ने खरीद के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है।
जिले में एक दर्जन से अधिक गोशालाओं का संचालन किया जा रहा है। सड़कों पर घूमने वाले बेसहारा गोवंशों को पकड़कर इन्हीं गोशालाओं में भेजा जाता है। गोवंशों को पकड़ने के लिए अब तक ग्रामीण क्षेत्र में किसी भी गोशाला या ब्लॉक के पास कैटिल कैचर नहीं था। जरूरत पड़ने पर नगर पालिका मैनपुरी या नगर पंचायत भोगांव से मंगाया जाता था। इन्हें भी कैटिल कैचर की जरूरत रहती थी। ऐसे में कर्मचारी खासी मशक्कत कर गोवंशों को पकड़ते थे। कई बार गोवंशों के उग्र होने पर कर्मचारी घायल हो जाते थे। इस समस्या से अब निजात मिल जाएगी। जिले के सभी नौ ब्लॉकों में एक-एक कैटिल कैचर खरीदा जा रहा है। मैनपुरी, किशनी, करहल, कुरावली, सुल्तानगंज, बेवर, जागीर, बरनाहल और घिरोर के खंड विकास अधिकारियों ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। जेम पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन खरीद की जाएगी। जनवरी के अंत तक खरीद प्रक्रिया पूर्ण होने की उम्मीद है।
एक साथ एक ब्लॉक में चलाया जा सकेगा अभियान
जिले के नौ ब्लॉकों में कैटिल कैचर खरीद के बाद इनकी संख्या 11 हो जाएगी। ऐसे में किसी भी एक ब्लॉक या नगरीय क्षेत्र में बेसहारा गोवंशों को पकड़ने के लिए अभियान चलता है तो सभी एक जगह भेजे जा सकेंगे। इससे एक ही दिन में कम से सौ से अधिक गोवंश एक ही क्षेत्र से लाए जा सकेंगे।
किशनी में खरीद के लिए डीएम ने दी स्वीकृति
विकास खंड किशनी में सबसे पहले खंड विकास अधिकारी महेश चंद्र त्रिपाठी ने कैटिल कैचर की खरीद के लिए प्रक्रिया शुरू की थी। इसी के चलते जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने भी किशनी में कैटिल कैचर की खरीद के लिए स्वीकृति दे दी है। इसके बाद जेम पोर्टल पर खरीद की सूचना अपलोड कर दी गई है।
मैनपुरी। सड़कों और खेतों में घूम रहे बेसहारा गोवंशों को पकड़ने के लिए जिले में नौ कैटिल कैचर खरीदे जाएंगे। ब्लॉक स्तर पर क्षेत्र पंचायत निधि से इनकी खरीद की जाएगी। अब तक किसी भी ब्लॉक के पास कैटिल कैचर नहीं था। ऐसे में कई बार कर्मचारी घायल हो जाते थे। सभी खंड विकास अधिकारियों ने खरीद के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है।
जिले में एक दर्जन से अधिक गोशालाओं का संचालन किया जा रहा है। सड़कों पर घूमने वाले बेसहारा गोवंशों को पकड़कर इन्हीं गोशालाओं में भेजा जाता है। गोवंशों को पकड़ने के लिए अब तक ग्रामीण क्षेत्र में किसी भी गोशाला या ब्लॉक के पास कैटिल कैचर नहीं था। जरूरत पड़ने पर नगर पालिका मैनपुरी या नगर पंचायत भोगांव से मंगाया जाता था। इन्हें भी कैटिल कैचर की जरूरत रहती थी। ऐसे में कर्मचारी खासी मशक्कत कर गोवंशों को पकड़ते थे। कई बार गोवंशों के उग्र होने पर कर्मचारी घायल हो जाते थे। इस समस्या से अब निजात मिल जाएगी। जिले के सभी नौ ब्लॉकों में एक-एक कैटिल कैचर खरीदा जा रहा है। मैनपुरी, किशनी, करहल, कुरावली, सुल्तानगंज, बेवर, जागीर, बरनाहल और घिरोर के खंड विकास अधिकारियों ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। जेम पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन खरीद की जाएगी। जनवरी के अंत तक खरीद प्रक्रिया पूर्ण होने की उम्मीद है।
एक साथ एक ब्लॉक में चलाया जा सकेगा अभियान
जिले के नौ ब्लॉकों में कैटिल कैचर खरीद के बाद इनकी संख्या 11 हो जाएगी। ऐसे में किसी भी एक ब्लॉक या नगरीय क्षेत्र में बेसहारा गोवंशों को पकड़ने के लिए अभियान चलता है तो सभी एक जगह भेजे जा सकेंगे। इससे एक ही दिन में कम से सौ से अधिक गोवंश एक ही क्षेत्र से लाए जा सकेंगे।
किशनी में खरीद के लिए डीएम ने दी स्वीकृति
विकास खंड किशनी में सबसे पहले खंड विकास अधिकारी महेश चंद्र त्रिपाठी ने कैटिल कैचर की खरीद के लिए प्रक्रिया शुरू की थी। इसी के चलते जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने भी किशनी में कैटिल कैचर की खरीद के लिए स्वीकृति दे दी है। इसके बाद जेम पोर्टल पर खरीद की सूचना अपलोड कर दी गई है।
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