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संवाद न्यूज एजेंसी, आगरा
Updated Sat, 22 Apr 2023 12:49 AM IST
कासगंज। जिले में पिछले दो दिनों से मौसम का कहर जारी है। बृहस्पतिवार की शाम तेज आंधी के साथ बारिश हुई और ओले की बौछारें हुईं। शुक्रवार को तड़के सिढ़पुरा, पटियाली, सहावर, अमांपुर आदि इलाकों में तेज गरज के साथ ओले पड़े और बारिश भी हुई। तेज हवाएं चलने से खेतों में मक्का की फसल गिर गई। मौसम के कहर ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। क्योंकि अभी 8-9 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में किसानों का गेहूं खुले आसमान के नीचे कटा पड़ा है या कटना शेष है। आंधी और तेज हवा ने बृहस्पतिवार को काफी कहर बरपाया। तमाम स्थानों पर पेड़ टूटने और विद्युत खंभों के गिरने व उखड़ने की घटनाएं हुईं। नाले नालियां भी उफनने लगें, लेकिन बृहस्पतिवार की शाम से शुरू हुआ कहर लगातार जारी रहा। शुक्रवार तड़के कई इलाकों में तेज बारिश हुई और सिढ़पुरा व आस पास के इलाकों में तेज ओले पड़े। इससे खेतों में कटा हुआ गेहूं भीग गया। भीगने के कारण गेहूं की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है। भीगे गेहूं की बिक्री में भी किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। तेज हवाओं के कारण मक्का की फसल खेतों में गिर गई।किसान इसको लेकर काफी चिंतित हैं। उन्हें अब मौसम के सही होने का इंतजार है। जिससे खेतों में पड़े गेहूं की थ्रेशिंग करा सकें और आनाज घर ला सकें। तेज हवाओं और आंधी के कारण किसानों के बुर्जी बिटौरे भी गिर गए। कल्यानपुर गांव में भी एक दीवार गिर गई, लेकिन इससे कोई हताहत तो नहीं हुआ। लगातार लोगों को भीषण गर्मी के बीच बारिश से जितनी राहत नहीं मिली उससे ज्यादा आफत हिस्से में आ गई।
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