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संवाद न्यूज एजेंसी, आगरा
Updated Fri, 04 Aug 2023 11:15 PM IST
कासगंज। पटियाली तहसील के 5 हजार की आबादी वाले बरौना गांव में आखिर गंगा की रौद्र लहरों ने कहर बरपा दिया। अब आबादी के बीच गंगा ने कटान शुरू कर दिया है। कई लोगों के मकान, शौचालय, मंदिर गंगा में कटकर समा गए हैं। कई मकानों में तेजी से कटान हो रहा है। कई प्राचीन पेड़ कच्चे मकान, झोपड़ियां गंगा में समा गई हैं। स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई है। कटान की गति यही बनी रही तो गांव के 40 परिवारों के सामने बड़ा संकट पैदा हो सकता है। लोग पलायन को मजबूर होंगे। अभी तक आधा दर्जन ग्रामीणों ने अपने घरों से सामान हटाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है।बृहस्पतिवार को गंगा के रौद्र रूप के आगे सिंचाई विभाग के ठेकेदारों ने अपने हाथ खड़े कर दिए थे। इस बात को लेकर बरौना गांव के ग्रामीण भड़क गए। फिर कटान रोधी कार्य शुरू करने का निर्णय हुआ, लेकिन कटान रोधी कार्य शुक्रवार सुबह 10 बजे शुरू हो पाया। रात भर गंगा की रौद्र लहरें कटान करती रहीं। मंदिर का एक बड़ा हिस्सा कटकर गंगा में समा गया। इसके अलावा तेजपाल, रामभरोसे, नन्हें के घरों में कटान होता रहा। इन ग्रामीणों ने अपना घर खाली करके सामान हटा लिया और सुरक्षित स्थानों पर पहुंच गए। दाताराम, वेद सिंह की झोपड़ियां भी कट गईं। वहीं पप्पू प्रधान के घर पर भी गंगा की लहरों का तीव्र प्रभाव पहुंच गया और कटान शुरू हो गया। इसके अलावा बरौना के ग्रामीण, रामफूल, प्रेमराज, पोखपाल, रामनरेश, लालाराम के घर भी गंगा कटान के निशाने पर आ गए। गांव के पूर्वी हिस्से में 10 मीटर से अधिक का कटान सायं तक हो चुका था। गांव के पूर्वी हिस्सेे में करीब 40 मकानें कटान के निशाने पर हैं। यदि कटान नहीं रुका तो निशाने पर आए परिवारों के मकान धराशायी होंगे और उनके आगे संकट बनेगा। ऐसी स्थिति में पलायन के अलावा कोई और चारा नहीं बचेगा। स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। जिसको लेकर लोग भयभीत और परेशान हैं। पूरे दिन गांव के लोग गंगा के कटान पर नजर बनाए रहे। गंगा किनारे ही उनके दिन रात बीत रहे हैं। कब क्या हालात बन जाएं कुछ कहा नहीं जा सकता। क्योंकि गांव के पूर्वी हिस्से पर गंगा की धारा का तीव्र प्रहार बना हुआ है।
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