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सोरोंजी। प्रदेश सरकार के बजट में धार्मिक पर्यटन के लिए 300 करोड़ की राशि का प्रावधान किया गया है। इस प्रावधान के दौरान अन्य तीर्थों के नाम स्पष्ट रूप से दिए गए, लेकिन सोरोंजी का नाम घोषित नहीं किया गया है। जिससे लोग बजट के प्रावधान को लेकर मिली जुली प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यह बजट सभी तीर्थों के लिए है।
– पंचकोसी परिक्रमा मार्ग निर्माण व हरि की पौड़ी के घाटों के निर्माण के लिए 14 करोड़ की राशि दी जा चुकी है। बजट में से भी धार्मिक पर्यटन के लिए 300 करोड़ की राशि में से तीर्थंनगरी को भी अवश्य धन मिलेगा। संजय दुबे, नगर अध्यक्ष भाजपा
– पौराणिक तीर्थस्थल सोरोंजी के पुर्नोत्थान के लिए लंबे समय से बजट की मांग की जाती रही है। सीधे तौर पर इस बजट में तीर्थंनगरी के लिए धन का प्रावधान न होने से निराश हैं लेकिन उम्मीद करते हैं कि 300 करोड़ की राशि में से तीर्थंनगरी को अच्छा हिस्सा मिलेगा-आशुतोष त्रिवेदी, तीर्थपुरोहित।
– तीर्थंनगरी में विकास के लिए एक बड़े पैकेज की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जाती रही है लेकिन इस बार के बजट में भी निराशा हाथ लगी है। धीरे धीरे टुकड़ों में धन मिलने से तो तीर्थंनगरी के विकास में दशकों लग जाएंगे-श्रीभगवान उपाध्याय, शिक्षाविद।
– तीर्थंनगरी को बजट से कुछ भी हासिल नहीं हुआ है। 300 करोड़ रुपये को जो प्रावधान किया गया है उसमें सोरोंजी का नाम स्पष्ट रूप से नहीं है। यह तीर्थनगरी की सरकार के द्वारा उपेक्षा का परिणाम है। अन्य तीर्थों की तरह यहां के लिए भी अलग प्रावधान होने चाहिए। अनिल अग्रवाल, नगर अध्यक्ष, कांग्रेस।
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