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करहल/बरनाहल। कंपोजिट विद्यालय मनौना में सात साल के मासूम की जान प्रधानाध्यापक की लापरवाही के चलते गई। ये आरोप गांव के लोग लगा रहे हैं। बताया कि सात दिन पहले भी एक छात्र को करंट लगा था। इसके बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ। लापरवाही का नतीजा एक मासूम ने अपनी जान देकर चुकाया।थाना करहल क्षेत्र के गांव मनौना में सात साल के मासूम चरन सिंह व ग्रामीणों ने सबमर्सिबल हटाने या करंट रोके जाने की व्यवस्था के लिए कहा था, लेकिन प्रधानाध्यापक द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। आखिरकार मासूम अंशू को इस लापरवाही का खामियाजा अपनी जान देकर चुकाना पड़ा। ग्रामीणों ने बताया कि उक्त सबमर्सिबल विद्यालय परिसर के बाहर बोरिंग के लिए आया था, लेकिन प्रधानाध्यापक ने इसे परिसर के अंदर लगे हैंडपंप में लगवा लिया। सात दिन से लगातार इसमें करंट प्रवाहित हो रहा था, लेकिन सब कुछ जानते बूझते भी समाधान नहीं कराया गया।
तड़प रहा था मासूम, चल रही थी कोल्ड ड्रिंक की पार्टी
ग्राम प्रधान चरन सिंह का आरोप है कि विद्यालय में कुल सात शिक्षक हैं। वहां पर पढ़ाई कम और राजनीति अधिक होती है। आए दिन झगड़े होते रहते हैं। कई बार तो उनके द्वारा पंचायत कराई गई। सभी शिक्षक इस कदर लापरवाह हैं कि सोमवार को जब छात्र करंट से तड़प रहा था, तब विद्यालय में शिक्षक कोल्ड ड्रिंक की पार्टी कर रहे थे। किसी ने भी उसे बचाने का प्रयास नहीं किया। स्टाफ ने सहायता करने की बजाय वहां से भागने लगे। इसके बाद ग्रामीणों का आक्रोश भड़का और उनके द्वारा शिक्षकों के साथ ऐसा बर्ताव किया गया।
माता पिता का इकलौता पुत्र था अंशू
सात साल के मासूम अंशू की मौत के बाद माता और पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। ग्रामीणों ने बताया कि अंशू माता पिता का इकलौता पुत्र था, इसके अलावा एक बहन है। मासूम की असमय मौत के बाद परिजन के आसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। मासूम का शव देख वहां मौजूद हर किसी की आखें नम नजर आईं।
पूर्व एमएलसी भी पहुंचे मनौना
करंट लगने से सात वर्षीय मासूम की मौत की घटना की जानकारी मिलने के बाद पूर्व एमएलसी अरविंद यादव ने गांव पहुंच कर जानकारी ली। आक्रोशित लोगों से बातचीत की, वहीं मृतक परिजन को सांत्वना दी। उन्हें भरोसा दिलाया कि हर हाल में दोषियों को सजा दिलाने में पूर्ण सहयोग किया जाएगा।
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