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कासगंज। जिले में पांच साल बाद जुलाई माह में 300 एमएम से अधिक बारिश हुई है। यह बारिश इस माह में होने वाली बारिश से डेढ़ गुना है। अधिक बारिश होने से फसलों पर संकट बना हुआ है, जिससे किसान चिंतित हैं।
जिले में इस बार मानसून समय से ही सक्रिय हो गया। जिले में जून माह में होने वाली औसत बारिश से अधिक बारिश हुई। जून माह में जिले में 57 एमएम बारिश का औसत है। जिसके सापेक्ष 73.66 एमएम बारिश हुई। अच्छी बारिश को देख धान उत्पादक किसान के चेहरे खिल गए। किसानों ने अपनी धान की फसल की तैयारी शुरू कर दी। अन्य किसानों ने भी सोचा कि इस साल समय से बारिश शुरू हो गई है तो खरीफ की फसल की बोआई भी समय से हो जाएगी, लेकिन जुलाई माह में पांच साल बाद 300 एमएम से अधिक बारिश हो गई। जो वर्ष 2022 में जुलाई माह में होने वाली बारिश की लगभग तीन गुनी है। जबकि जुलाई माह में जिले में 197.40 एमएम बारिश का औसत है। बारिश का यह सिलसिला अगस्त माह में भी थमा नहीं है। जिससे खरीफ की फसल बोने वाले किसानों के सामने समस्या आ गई। बारिश का यह सिलसिला अगस्त माह में भी कम नहीं हुआ है। अगस्त माह में 2012.10 एमएम बारिश का औसत है। इस माह के पहले सप्ताह में ही काफी अच्छी बारिश हुई है। 3 अगस्त की रात को तो सहावर में 84 एमएम तथा कासगंज में 66 एमएम बारिश हुई। वहीं 4 अगस्त की रात को पटियाली में 14 एमएम बारिश हुई। वहीं 5 अगस्त की रात को कासगंज , एवं सहावर क्षेत्र में रात में जमकर बारिश हुई। इतनी अधिक बारिश होने से किसान के सामने समस्या खड़ी हो गई है। खरीफ की फसल उत्पादक किसान काफी परेशान नजर आ रहा है।
जिले में
वर्ष- जून- जुलाई- अगस्त
2018-44.66-381.8-412-33
2019-14.66-251.3-119.93
2020-34.33-121.66-180.8
2021-99.66-277.76-155.40
2022-24.86-109.50-132.50
2023-73.66-305.-75.00 अब तक
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