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मैनपुरी। बैंक में नौकरी लगवाने के नाम पर बेरोजगारों से ठगी करने वाले बंटी बबली बेवर पुलिस के हाथ लग गए। शनिवार को एसपी ने प्रेसवार्ता कर बताया कि प्रेमी युगल कई लोगों से ठगी की घटनाएं अंजाम दे चुका है। इनके पास फर्जी आईडी, नियुक्ति पत्र, डीडी, एफडी और नकदी आदि बरामद हुए हैं।
शनिवार को एसपी विनोद कुमार ने प्रेसवार्ता में बताया कि बेवर गांव बनकिया निवासी राहुल गौर और उनकी पत्नी से एसबीआई बैंक में नौकरी लगवाने के नाम पर 12 लाख रुपये की ठगी की गई थी। मामले में मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस लगातार ठगों की तलाश कर रही थी। बेवर पुलिस और साइबर सेल की टीम ने एक प्रेमी युगल प्रदीप कुमार निवासी मुरारी थाना खुर्जा बुलंदशहर और सारिका निवासी कालिंदी पुरम बुलंदशहर को गिरफ्तार किया। इनके कब्जे से 1.10 लाख रुपये की नकदी, एक कार, 4 एसबीआई की फर्जी डीडी, 8 फर्जी नियुक्ति पत्र, 14 फर्जी एफडी, एसबीआई के फर्जी आईकार्ड, मोहर आदि बरामद हुए।
पूछताछ में पकड़े गए प्रदीप और सारिका ने बताया कि वह लोग एसबीआई के फर्जी जोनल अधिकारी बन कर ऐसे लोगों को ढूंढते हैं, जिन्हें नौकरी की तलाश हो। उनके बातचीत कर बैंक में नौकरी लगवाने का का झांसा देकर आवेदन, साक्षात्कार आदि सभी प्रक्रियाएं कर भरोसा जीतते हैं। प्रत्येक व्यक्ति से 5 से 15 लाख रुपये तक लेते थे। सिक्योरिटी के नाम पर नगर धनराशि लेकर फर्जी एफडी भरोसे के तौर पर दे देते थे। उन फर्जी एफडी को ऑनलाइन कराने कराने के बहाने वापस ले लेते थे। एसपी ने बताया कि अभी तक 20 से 25 लोगों से 50-60 लाख रुपये ठग चुके हैं। गिरफ्तार आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने के बाद न्यायालय में पेश किया गया है।
पकड़े गया प्रेमी युगल फर्जी साक्षात्कार प्रक्रिया वीडियो कॉल के जरिए करते थे। प्रदीप की प्रेमिका सारिका एक होटल में कमरा किराए पर लेती थी। वीडियो कॉल पर साक्षात्कार के दौरान कमरे की लाइट बंद रखती थी। लोगों को भरोसे में लेने के लिए आरबीआई की फर्जी चेयरपर्सन कविता गुप्ता को नाम बताते थे। वॉइस चेंजर की मदद से झांसे में आने वाले लोगों की फोन पर बात कराते थे। एसबीआई से मिलती जुलती फर्जी आईडी भी बना रखी थी। इसके जरिए ही मेल भेज कर सभी प्रक्रियाएं अंजाम देते थे। फर्जी नियुक्ति पत्र भी देते थे, जिसमें समय व स्थान नहीं बताते थे। ठगी करने के बाद वह लोग जल्द से जल्द अपना ठिकाना बदल देते थे।
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