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कासगंज। जिले में निराश्रित गोवंशों की समस्या को खत्म करने के लिए लगातार गोशालाओं की स्थापना की जा रही है। हर जिले में तीन गोशालाएं और स्थापित की जाएंगी। दो गोशालाएं ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित होंगी जबकि एक गोशाला शहर में बनाई जाएगी। गोवंशों के चारे के लिए 11 हजार क्विंटल भूसा दान के रूप में जिलेभर से एकत्रित किया जाएगा।जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने गो आश्रय स्थल की स्थापना व संचालन समिति की बैठक में समीक्षा करते हुए महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं और दिशा निर्देश दिए। उन्होंने ग्राम खुशकरी में पशुओं का वैक्सीनेशन न होने पर नाराजगी जाहिर की और जिम्मेदार वैक्सीनेटर का वेतन रोकने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने मौसमपुर तबालपुर गोशाला में सीसीटीवी कैमरे लगवाने के निर्देश दिए। चारागाहों में नैपीयर घास लगवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चारागाह में गोवंशों के लिए नैपीयर घास से पर्याप्त चारा मिल सकता है। उन्होंने भूसा भंडारण के संबंध में कहा कि भूसा भंडारण के लिए सभी खंड विकास अधिकारी व प्रधान भूसा दान के लिए प्रयास करें। दान के माध्यम से भूसा प्राप्त करने का 11 क्विंटल का लक्ष्य है। 15 मई तक यह लक्ष्य पूरा करना है।
बैठक के दौरान मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज अग्रवाल ने नई गोशालाओं के संबंध में अब तक की प्रगति की जानकारी देते हुए बताया कि सोरोंजी के ग्राम मुन्नवरपुर गड़ैइया व सहावर के बड़ा गांव में दो वृहद गोशालाओं के लिए भूमि चयनित कर प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। इसके साथ ही नगर पालिका कासगंज में भी एक कान्हा गौशाला हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है। बैठक में अपर पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र कुमार दुबे, मुख्य विकास अधिकारी सचिन आदि मौजूद रहे।
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