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कासगंज। पिछले वर्षों में कई नामी गिरामी फाइनेंस कंपनियों ने निवेशकों के करोड़ों रुपये विभिन्न आकर्षक जमा योजनाओं के माध्यम से निवेश कराए। लेकिन कंपनियों ने निवेशकों का धन वापस नहीं लौटाया। अब निवेशक अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं। एक-एक निवेशक के लाखों रुपये इन कंपनियों में जमा है। वह प्रशासन, पुलिस और न्यायालय में चक्कर लगाने को मजबूर हैं, लेकिन धन नहीं मिल पा रहा।उत्तर प्रदेश वित्तीय अधिष्ठानों में जमाकर्ता वित्त संरक्षण अधिनियम 2016 के अंतर्गत सभी तहसीलों में साहूकारी पटल स्थापित करके परेशान निवेशकों की शिकायतें दर्ज करने का कार्य निरंतर चल रहा है। जिले की तीनों तहसीलों में यह शिकायत पटल स्थापित किए हैं। जहां बड़ी संख्या में निवेशक कंपनियों द्वारा धन हड़पने की अलग-अलग शिकायतें दर्ज करा रहे हैं। अब तक सभी तहसीलों में दस हजार से अधिक शिकायतें पहुंच चुकी हैं। शिकायत पटल पर शिकायत करने वालों की भीड़ लगी हुई है। इन शिकायतों को तहसील प्रशासन द्वारा सूचीबद्ध किया जा रहा है। शिकायतें सूचीबद्ध करके डीएम कार्यालय को प्रेषित की जाएंगी। इन शिकायतों का निस्तारण कब तक होगा यह अभी स्पष्ट नहीं है। अभी तहसीलों पर शिकायत संग्रह का कार्य जारी है।
आंकड़े की नजर से
– कासगंज तहसील में प्राप्त शिकायतें- 5500
– सहावर तहसील में प्राप्त शिकायतें- 1800
– पटियाली तहसील में प्राप्त शिकायतें- 3000
बोले निवेशक-
– मेरे द्वारा वर्ष 2013 में सहारियन मल्टीपर्पज सोसाइटी में 5 लाख रुपये अपनी बचत से जमा किया था। जिसका भुगतान 2018 में होना था। परंतु आज तक भुगतान नहीं हो सका है। कंपनी के कार्यालय में बार बार चक्कर लगाकर परेशान है। आर्थिक परेशानी परिवार के सामने पैदा हो रही है। – प्रभात कुमार शर्मा, निवेशक।
– वर्ष 2008 में मेरे द्वारा कल्पतरू मल्टीपर्पज सोसाइटी में दो लाख रुपये जमा किए। जिसका भुगतान 2013 में होना था। कल्पतरू कार्यालय के चक्कर लगाते लगाते परेशान हूं। भुगतान की कोई उम्मीद दिखाई नहीं दे रही। आर्थिक कष्टों से गुजर रहा हूं। – गौरव पाल, निवेशक।
– मैंने घर से छोटी छोटी बचत करके सोवरग्रीन मल्टी पर्पज कॉर्पोरेटिव सोसाइटी में वर्ष 2010 में 1000 रुपये प्रतिमाह जमा किए थे। जिसका भुगतान वर्ष 2015 में होना था, लेकिन कंपनी के ऑफिस में ताला लटक गया है। तब से इधर उधर भुगतान के लिए चक्कर काट रहे हैं। अब शिकायत दर्ज कराई है। – मिथलेश देवी, निवेशक।
– पीएसीएल इंडिया (पर्ल्स) में वर्ष 2010 में 90 हजार रुपये एक मुश्त जमा किया गया। जिसका भुगतान 2016 में होना था। भुगतान न होने से आर्थिक संकट से गुजर रहा हूं। कंपनी के कार्यालय में ताला लटका है। कोई सुनवाई नहीं हो रही। – तनुज कुमार वार्ष्णेय, निवेशक।
वर्जन-
– सभी तहसीलों में शिकायत के लिए साहूकारी पटल स्थापित किया गया है। जहां निवेशक अपने निवेश से जुड़ी शिकायतें दर्ज करा रहे हैं। अभी यह क्रम जारी रहेगा। लोग अपनी अपनी तहसीलों में शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। – हर्षिता माथुर, जिलाधिकारी।
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