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कासगंज। दो वर्ष पूर्व नगर के वाशिंदों को नगर वन की सौगात देने के लिए वन विभाग के द्वारा तैयारी की गई थी। काली नदी और झाल के पुल के समीप 50 हेक्टेयर क्षेत्रफल में नगर वन बनाने की कार्ययोजना तैयार हुई, लेकिन यह योजना अब खटाई में नजर आ रही है। न शासन ने प्रस्ताव को मंजूर किया और न ही वन विभाग इस कार्ययोजना को लेकर उत्साहित है। नगर के लोगों को वन क्षेत्र की कमी का सामना करना पड़ रहा है। जिसको लेकर लोग वन विभाग से नगर वन विकसित करने की मांग भी उठा रहे हैं।
पर्यावरण के क्षेत्र में गंगा वन और भागीरथ वन स्थापित करके जिला सुर्खियों में आया। प्रदेश की राज्यपाल भी गंगा वन में पौधरोपण के लिए पहुंची। तब वन विभाग काफी उत्साहित बना हुआ था। गंगा वन और भागीरथ वन की सफलता को देखकर काली नदी और हजारा नहर के क्षेत्र में नगर वन विकसित करने की कार्ययोजना बनी। नरौरा नहर खंड से नगर वन बनाने के लिए अनुमति भी ले ली गई। इसके बाद नगर वन विकसित करने का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया। नगर वन में अलग अलग पार्क विकसित करने पौधरोपण, झूले स्थापित करने, मनोरंजन के अन्य साधन विकसित करने की योजनाओं को कार्ययोजना में शामिल किया गया। कागजों में बंद कार्य योजना अभी तक धरातल पर नहीं उतर पाई है और अब यह प्रस्ताव खटाई में पड़ा हुआ है। शहर में हरियाली का कोई स्थान न होने के कारण लोग नगर वन जैसे क्षेत्र को विकसित करने के लिए उम्मीद लगाए बैठे हैं और उनकी मांग है कि नगर वन जैसा क्षेत्र विकसित किया जाए।
बोले लोग-
– शहर में हरियाली की बेहद कमी है। नगर वन विकसित होने से शहर के लोगों और बच्चों को हरियाली के बीच पहुंचने का मौका मिल सकता है। इस प्रोजेक्ट पर शीघ्र काम शुरू करना चाहिए- कबीर प्रताप सिंह।
– नगर में कोई भी स्थान ऐसा नहीं है, जहां हरियाली हो। इसलिए शहर की आबादी को नगर वन की जरूरत है। गंभीरता के साथ इस कार्ययोजना को शासन प्रशासन को लेना चाहिए- अनुपम शर्मा।
– शहर के सुनियोजित विकास के लिए कभी भी शासन प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया। शहर में कहीं भी हरे भरे पार्क नहीं हैं। प्रभु पार्क में भी हरियाली का अभाव है। काली नदी क्षेत्र में नगर वन बनाने से लोगों को सहूलियत मिलेगी- हृदेश गुप्ता।
– शहर में कहीं भी प्राकृतिक नजारा देखने को नहीं मिलता। पहले झाल के पुल पर पार्क विकसित किया गया। जिसकी देखरेख नहीं की गई। अब वहां पर न झूले नजर आते हैं और न हीं हरियाली। पर्यावरण के संतुलन के लिए नगर वन बनाया जाना जरूरी है- पदम अग्रवाल
– नगर वन का प्रस्ताव कहां और किस स्तर पर लंबित है। इसके बारे में वन विभाग के अधिकारियों से रिपोर्ट ली जाएगी। पर्यावरण की दिशा में ऐसे कार्यों का होना जरूरी है। कार्य योजना की समीक्षा शीघ्र होगी- हर्षिता माथुर, जिलाधिकारी
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