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मैनपुरी। थाना भोगांव क्षेत्र में 27 साल पहले हुए सामूहिक हत्याकांड के आरोप में दो सगे भाइयों सहित छह लोग उच्च न्यायालय इलाहाबाद से बरी कर दिए गए हैं। जिला न्यायालय से वर्ष 2007 में आजीवन कारावास की सजा होने के बाद से सभी लोग केंद्रीय कारागार फतेहगढ़ में निरुद्ध हैं। वर्ष 1996 में हुए लोकसभा चुनाव के बाद दो पक्षों के बीच चल रही रंजिश के चलते छह सितंबर 1996 को थाना भोगांव क्षेत्र में जीप सवार छह लोगों की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। इसका मुकदमा जिला जज के न्यायालय में चला था। मुकदमे की सुनवाई करने के बाद तत्कालीन जिला जज आरएन अग्रवाल ने बेवर निवासी दो सगे भाई रमांकांत दीक्षित और चंद्रकांत दीक्षित उर्फ बिल्लू सहित उनके परिवार के हरिओम दीक्षित, देवेंद्र दीक्षित, विपिन दीक्षित के अलावा जीटी रोड बेवर निवासी कौशलेंद्र पाल सिंह को एक फरवरी 2007 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसके बाद से सभी लोग केंद्रीय कारागार फतेहगढ़ में बंद हैं।
जिला न्यायालय से सजा होने के बाद सभी ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद में अपील की। अपील की सुनवाई न्यायमूर्ति शिवशंकर प्रसाद तथा अश्विनी कुमार की खंडपीठ द्वारा की गई। उच्च न्यायालय इलाहाबाद के वकील विनोद प्रकाश श्रीवास्तव तथा राजीव नयन सिंह की दलीलों के बाद खंडपीठ ने सभी को बाइज्ज्त बरी कर दिया है। केंद्रीय कारागार फतेहगढ़ जेल में बंद सभी छह लोगों की रिहाई के लिए उच्च न्यायालय का आदेश सीजेएम न्यायालय में भेजा गया है।
पूर्व विधायक के भतीजे सहित छह की हुई थी हत्या
वर्ष 1996 में दो सगे भाई पूर्व विधायक शिवराज सिंह उर्फ पीटीआई और उपदेश सिंह चौहान उर्फ खलीफा जिला जेल में राजवीर उर्फ छोटे दीक्षित की हत्या के आरेाप में जेल में बंद थे। छह सितंबर 1996 को उनसे मिलकर उनका भतीजा गजेंंद्र सिंह उर्फ टिल्लू, हेम सिंह यादव, महेश सिंह यादव, अशोक परिहार, नरेश दीक्षित, पूर्व प्रधान देवेंद्र सिंह जीप से बेवर जा रहे थे। थाना भोगांव क्षेत्र में रेलवे क्रॉसिंग के पास उनकी हत्या कर दी गई थी।
इनके खिलाफ हुई थी रिपोर्ट
गजेंद्र के पिता सुरेंद्र सिंह चौहान निवासी किशनपुर गढिय़ा ने सामूहिक हत्याकांड की रिपोर्ट थाना भोगांव में दर्ज कराई थी। हत्या में रामानंद दीक्षित, हरीओम दीक्षित, आनंद दीक्षित, जगन्नाथ दीक्षित, देवेंद्र दीक्षित, विपिन दीक्षित, रमाकांत दीक्षित, चंद्रकांत दीक्षित, राजभूषण सिंह, कौशलेंद्र पाल सिंह के खिलाफ दर्ज कराई थी। रामानंद दीक्षित और जगन्नाथ दीक्षित की मृत्यु हो चुकी है। राजभूषण सिंह और आनंद दीक्षित का मुकदमा छूट चुका है।
मुलायम के चुनाव के बाद गहराई थी रंजिश
वर्ष 1996 में मुलायम सिंह यादव ने पहली बार लोकसभा का चुनाव मैनपुरी से लड़ा था। भाजपा ने बेवर निवासी बाहुबली विधायक उपदेश चौहान उर्फ खलीफा को चुनाव मैदान में उतारा था। पहले से चल रही रंजिश के चलते राजवीर उर्फ छोटे दीक्षित ने मुलायम सिंह यादव का खुलकर प्रचार करके ब्राहमणों को सपा के पक्ष में लामबंद किया था। मुलायम सिंह यादव के जीतने के बाद 23 मई 1996 को थाना भोगांव क्षेत्र में जीटी रोड पर अरम सराय के पास राजवीर उर्फ छोटे दीक्षित की विधायक बंधुओं ने घेरकर हत्या कर दी थी। मुलायम सिंह यादव ने छोटे दीक्षित की हत्या का मामला लोकसभा में जोरदारी से उठाया था।
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