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मैनपुरी। मजूदरों को रोजगार देने के लिए संचालित किए जा रहे मनरेगा पर अफसरशाही हावी है। मेनहत के रुपयों के लिए भी उन्हें भटकना पड़ता है। लेकिन इस बार मनरेगा में मजदूरी का भुगतान देरी से करना जिम्मेदारों को महंगा पड़ गया। शासन के आदेश पर सीडीओ ने जिम्मेदारों से देरी से भुगतान करने पर 5.95 लाख का जुर्माना लगाया है। उन्होंने जुर्माना वसूलने के आदेश जारी कर दिए हैं। मनरेगा के तहत गांव में ही मजदूरों को रोजगार देने का काम किया जाता है। इसके लिए गांव में उन्हें मिट्टी के कच्चे कार्यों में लगाया जाता है। लेकिन अधिकारियों की मनमानी के आगे कोई कुछ नहीं कर पा रहा है। कभी मजदूरों के हक की धनराशि निर्माण सामग्री पर खर्च कर दी जाती है तो कभी मेहनत के बाद भी वे मजदूरी के लिए चक्कर लगाते हैं। ऐसा ही मामला इस बार मैनपुरी में सामने आया है। जिले के नौ विकास खंडों में मनरेगा के तहत काम करने के बाद भी देरी से मजदूरी का भुगतान किया गया।
इस पर शासन ने सख्त आदेश जारी किया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल 76 करोड़ रुपये का भुगतान मनरेगा श्रमिकों को मजदूरी के रूप में किया गया। इसमें से लगभग 27.62 करोड़ रुपये का भुगतान देरी से किया गया। शासन के आदेश पर सीडीओ विनोद कुमार ने जिम्मेदारी तय करते हुए 5.95 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। ये जुर्माना भुगतान में देरी करने वाले से वसूला जाएगा। इसमें संबंधित रोजगार सेवक, ग्राम पंचायत सचिव, तकनीकी सहायक, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी, ऑपरेटेर, लेखाकार और कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा/बीडीओ की जिम्मेदारी तय की जाएगी। आदेश जारी होने के बाद जिम्मेदारों में हड़कंप मच गया है।
आठ दिन में भुगतान है अनिवार्य
मनरेगा के तहत ये प्रावधान किया गया है कि श्रमिकों को कार्य होने के आठ दिन में भुगतान हो जाना चाहिए। इसके लिए प्रत्येक स्तर पर समय निर्धारित किया गया है। अगर आठ दिनमें भुगतान नहीं किया जाता है तो उन पर कुल धनराशि का 0.05 प्रतिशत प्रति दिवस के रूप में अर्थदंड आरोपित किया जाएगा। इसी के अनुसार 5.95 लाख का अर्थदंड आरोपित किया गया है।
श्रमिकों के खातों में जाएगी जुर्माने की राशि
देरी से भुगतान करने पर जिम्मेदारी तय करते हुए कुल 5.95 लाख रुपये की वसूली कर शासन के खाते में जमा कराई जाएगी। इसके बाद जिन श्रमिकों का भुगतान देरी से हुआ है, उन्हें निर्धारित दर के अनुसार ये धनराशि सीधे दी जाएगी। ये धनराशि उन्हें विलंब से हुए भुगतान के प्रतिकर के रूप में मिलेगी।
ब्लॉकवार कितना वसूला जाएगा जुर्माना
ब्लॉक का नाम जुर्माने की धनराशि
-जागीर 26303 रुपये
-बरनाहल 22067 रुपये
-बेवर 325317 रुपये
-घिरोर 72396 रुपये
-करहल 30757 रुपये
-किशनी 53713 रुपये
-कुरावली 35508 रुपये
-मैनपुरी 29537 रुपये
-सुल्तानगंज 102 रुपये
-कुल 595520 रुपये
मनरेगा में आठ दिन में मजदूरी का भुगतान किया जाना अनिवार्य है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में देरी से भुगतान करने पर 5.95 लाख रुपये का अर्थदंड लगाया गया है। ये धनराशि वसूली कर शासन के खाते में जमा कराई जाएगी। यहां से संबंधित मजदूरों के खाते में ये धनराशि भेजी जाएगी। इसके लिए आदेश जारी कर दिया है।
-विनोद कुमार, मुख्य विकास अधिकारी
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