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– फोटो : istock
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आगरा में अपर जिला जज नीरज गौतम ने दहेज हत्या के मामले में थाना बसई अरेला के शाहपुरा निवासी फौजी (सेना के जवान) प्रमोद कुमार को साक्ष्य एवं तथ्यों के आधार पर दोषी माना है। उसे 10 साल का सश्रम कारावास व 10 हजार रुपये जुर्माना लगाया है।
ये है मामला
वादी मुन्ना लाल ने मुकदमा दर्ज कराया था। बताया कि बेटी अंजू की शादी 17 नवंबर 2011 को बसई अरेला के शाहपुर निवासी प्रमोद कुमार के साथ की थी। ससुराल वाले अंजू को अतिरिक्त दहेज की मांग करते हुए भूखा-प्यासा रखकर प्रताड़ित करते थे। शादी के 8 महीने बाद सोने की चेन, सोने की अंगूठी और एक भैंस दी। फिर भी परेशान करना बंद नहीं किया गया। 2 जनवरी 2013 को प्रमोद कुमार छुट्टी पर घर आए। इसके बाद पति, जेठ भाव सिंह ने अंजू से तीन लाख रुपये मायके से लाने की मांग की। 12 जनवरी 2013 की रात अंजू ने फोन करके मारपीट और रुपये मांगने की जानकारी दी।
मृत मिली बेटी
13 जनवरी 2013 को बेटी की ससुराल पहुंचा तो बेटी मृत पड़ी थी। सूचना पर पुलिस आ गई। पुलिस ने जबरन एक कोरे कागज पर हस्ताक्षर कराने के बाद शव को पोस्टमार्टम भेज दिया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। बेटा अरुण (10) जो बेटी के पास ही रहता था। उसने बताया कि रात में प्रमोद कुमार और भाव सिंह दीदी के गले में रस्सी का फंदा डालकर खींच रहे थे। बचाने लगा तो कहा गया कि किसी को बताया तो तुझे भी मार देंगे। थाने में रिपोर्ट नहीं लिखी गई। एसएसपी से शिकायत में भी कुछ न होने पर कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया। कोर्ट के आदेश पर रिपोर्ट लिखी गई।
पेश किए 12 गवाह
अभियोजन की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता शशि शर्मा और मोहित पाल ने अपर जिला जज नीरज गौतम ने कोर्ट में करीब 12 गवाह पेश किए। कोर्ट ने प्रमोद कुमार को दोषी माना और 10 वर्ष के कठोर कारावास व 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।
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