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कासगंज। सत्र न्यायाधीश सै. माऊज बिन आसिम के न्यायालय ने दहेज हत्या के दोषी चार ससुरालीजनों को 10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने दोषियों पर 16 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना अदा न करने पर सभी को एक माह का अतरिक्त कारावास भुगतना होगा।
बदायूं जिले के मुजरिया क्षेत्र के कटिया केशर गांव निवासी नरेद्र सिंह ने अपनी बहन आरती की शादी 1 मई 2011 को कुलदीप निवासी चंदपुरा गऊपुरा सोरों के साथ की थी। आरोप है कि ससुरालीजन शादी में मिले दान दहेज से संतुष्ट नहीं थे। इसके चलते शादी के बाद से ही ससुरालीजन विवाहिता का उत्पीड़न करने लगे। इसक्रम में ससुरालीजनों ने 10 सितंबर 2011 को विवाहिता को जलाकर उसकी हत्या कर दी। इस मामले में मृतका के भाई ने पति कुलदीप, ससुर कायम सिंह, सास सरस्वती, देवर कुलजीत को नामजद करते हुए थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने मृतका के शव का पोस्टमार्टम कराया। साथ ही आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दी। बाद में विवेचना कर पत्रावली कोर्ट में पेश की। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी जिला शासकीय अधिवक्ता संजीव सिंह यदुवंशी ने की। अधिवक्ता ने बताया कि कोर्ट ने चारों दोषियों को धारा 304 बी के तहत चारों को 10-10 साल सश्रम करावास की सजा सुनाई है। जबकि धारा 498 ए के तहत 3 साल की सश्रम सजा और 4 हजार रुपये जुर्माना, धारा 4 के तहत 8 माह की सजा और 12 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। जेल में बिताई गई अवधि सजा में समायोजित की जाएंगी। जुर्माना अदा न करने पर चारों दोषियों को एक माह का साधारण कारावास की सजा सुनाई गई है।
कासगंज। सत्र न्यायाधीश सै. माऊज बिन आसिम के न्यायालय ने दहेज हत्या के दोषी चार ससुरालीजनों को 10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने दोषियों पर 16 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना अदा न करने पर सभी को एक माह का अतरिक्त कारावास भुगतना होगा।
बदायूं जिले के मुजरिया क्षेत्र के कटिया केशर गांव निवासी नरेद्र सिंह ने अपनी बहन आरती की शादी 1 मई 2011 को कुलदीप निवासी चंदपुरा गऊपुरा सोरों के साथ की थी। आरोप है कि ससुरालीजन शादी में मिले दान दहेज से संतुष्ट नहीं थे। इसके चलते शादी के बाद से ही ससुरालीजन विवाहिता का उत्पीड़न करने लगे। इसक्रम में ससुरालीजनों ने 10 सितंबर 2011 को विवाहिता को जलाकर उसकी हत्या कर दी। इस मामले में मृतका के भाई ने पति कुलदीप, ससुर कायम सिंह, सास सरस्वती, देवर कुलजीत को नामजद करते हुए थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने मृतका के शव का पोस्टमार्टम कराया। साथ ही आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दी। बाद में विवेचना कर पत्रावली कोर्ट में पेश की। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी जिला शासकीय अधिवक्ता संजीव सिंह यदुवंशी ने की। अधिवक्ता ने बताया कि कोर्ट ने चारों दोषियों को धारा 304 बी के तहत चारों को 10-10 साल सश्रम करावास की सजा सुनाई है। जबकि धारा 498 ए के तहत 3 साल की सश्रम सजा और 4 हजार रुपये जुर्माना, धारा 4 के तहत 8 माह की सजा और 12 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। जेल में बिताई गई अवधि सजा में समायोजित की जाएंगी। जुर्माना अदा न करने पर चारों दोषियों को एक माह का साधारण कारावास की सजा सुनाई गई है।
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