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मैनपुरी। राज्य पुरातत्व विभाग की टीम घिरोर क्षेत्र के गांवों में इतिहास तलाश रही है। इसी खोज में बृहस्पतिवार को टीम ने तीन अलग-अलग गांवों में टीलों का सर्वेक्षण किया। यहां टीम को लगभग दो हजार साल पुराने मृदभांडों के अवशेष मिले हैं। टीम ने पुरावशेषों को एकत्रित किया है। इसी दिशा में टीम सर्वेक्षण को आगे बढ़ाएगी। घिरोर तहसील क्षेत्र में राज्य पुरातत्व विभाग की टीम 27 फरवरी से सर्वेक्षण कर रही है। सर्वेक्षण में अब तक जहां टीम कई गांवों का भ्रमण कर चुकी है। बृहस्पतिवार को सर्वेक्षण के चौथे दिन टीम पांच अलग-अलग गांवों में सर्वेक्षण के लिए गई। इन पांच गांवों में से टीम को कोसमा हिनूद, कोसमा मुसलमीन और दारापुरा नगला इंद्र में प्राचीन टीले मिले।
सर्वेक्षण के दौरान टीम ने टीलों से मृदभांडों के अवशेष भी एकत्रित किए। ये मृदभांड के अवशेष लगभग दो हजार साल पुराने हैं। क्षेत्रीय अधिकारी राजीव कुमार त्रिवेदी ने बताया कि ये मृदभांड ब्लैक वेयर और ग्रे वेयर हैं। ये लगभग दो हजार साल पुराने प्रतीत होते हैं। उन्होंने बताया कि मृदभांडों के अवशेष ये इशारा कर रहे हैं कि यहां दो हजार साल पहले भी लोगों की बस्ती रह चुकी है। इसके अलावा टीम ने गांव गुराई और भटानी का भी भ्रमण कर सर्वेक्षण किया। लेकिन यहां कुछ खास नहीं मिला।
राज्य पुरातत्व विभाग को सर्वेक्षण के पहले दिन ही बड़ी कामयाबी हाथ लगी थी। इसमें ग्राम पंचायत कनेगी स्थित एक शिव मंदिर में रखी मूर्तियां लगभग 10वीं सदी की पाई गई थीं। इन मूर्तियों को सुरक्षित कराने के लिए जिला प्रशासन को पत्र भी लिखा गया है। इसके बाद एसडीएम शिव नरायन ने सुरक्षा के आदेश भी दिए हैं।
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