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संवाद न्यूज एजेंसी, आगरा
Updated Sat, 13 May 2023 12:24 AM IST
मैनपुरी। जिले की स्वास्थ्य सेवाएं सुधरने का नाम नहीं ले रही हैं। चिकित्सकों की लापरवाही के चलते एक चार माह की बच्ची तीन घंटे तक उपचार के लिए तड़पती रही। परिजन सौ शैया और जिला अस्पताल में बच्ची को गोद में लेकर चक्कर काटते रहे, लेकिन डॉक्टरों ने उसे उपचार नहीं दिया। इसके चलते मासूम की सांसें थम गईं। तीन घंटे बाद इमरजेंसी में डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। थाना बिछवां क्षेत्र के गांव बीलों निवासी संजय कुमार की चार माह की पुत्री आरोही को पिछले कुछ दिनों से बुखार आ रहा था। परिजन उसका एक निजी डॉक्टर के यहां उपचार करा रहे थे। हालत बिगड़ने पर बृहस्पतिवार की रात सात बजे परिजन बच्ची को लेकर सौ शैया मातृ एवं शिशु अस्पताल पहुंचे। यहां बच्ची को यह कहते हुए भर्ती कर लिया गया कि यहां केवल 28 दिन के बच्चों को ही उपचार दिया जाता है। सुबह जिला अस्पताल में बच्ची को दिखा लेना। शुक्रवार की सुबह आठ बजे सौ शैया अस्पताल से बच्ची को जिला अस्पताल भेजा गया। परिजन बच्ची को लेकर जिला अस्पताल की इमरजेंसी पहुंचे। यहां तैनात ईएमओ डॉ.अर्जुन सिंह ने बच्ची को सौ शैया अस्पताल ले जाने की सलाह दी। इस पर परिजन बच्ची को लेकर फिर से सौ शैया अस्पताल पहुंच गए। सौ शैया अस्पताल से यह कहकर बच्ची को वापस जिला अस्पताल भेज दिया गया कि यहां केवल 28 दिन के बच्चे ही भर्ती किए जाते हैं।
परिजन एक बार फिर से जिला अस्पताल की इमरजेंसी पहुंचे तो यहां तैनात ईएमओ ने बाल रोग विशेषज्ञ कक्ष में भेजा। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. डीके शाक्य ने बच्ची को इमरजेंसी में भर्ती कराने की सलाह दी। लेकिन इमरजेंसी में भर्ती करने में आना कानी होती रही तब तक बच्ची की मौत हो गई। ईएमओ डॉ. अर्जुन सिंह ने साढ़े 11 बजे बच्ची को मृत घोषित कर दिया। बच्ची की मौत पर परिजन का रो-रो कर बुरा हाल था। बच्ची की दादी का कहना था कि डॉक्टर उसे इधर से उधर घुमाते रहे उपचार नहीं मिलने के कारण बच्ची की मौत हुई है।
मामले की जानकारी नहीं है, अगर ऐसा हुआ है तो जांच कराई जाएगी। जांच में जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
-डॉ. पीपी सिंह, सीएमओ।
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