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कासगंज। जिला में मलेरिया विभाग के नाम पर मात्र खानापूर्ति ही की जा रही है। तीन अधिकारियों के सहारे पूरा विभाग चल रहा है। जिला अस्पताल और ब्लॉक स्तरीय स्वास्थ्य केंद्रों पर ही मलेरिया की जांच की जाती है। अभी से मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाने से विभाग के सामने मलेरिया से निपटना चुनौती बन सकता है। जिला को सृजित हुए लगभग डेढ़ दशक हो चुका है। इतना लंबा समय बीत जाने के बाद भी मलेरिया विभाग को अपना भवन तक नहीं मिल सका है। सीएमओ कार्यालय में ही एक कमरे में विभाग का संचालन किया जा रहा है। यदि विभाग में अधिकारियों व कर्मियों की बात की जाए तो तमाम महत्वपूर्ण पद आज भी खाली चल रहे हैं।
जिला मलेरिया अधिकारी का लगभग छह माह पहले स्थानांतरण हो गया। उनके स्थान पर आज तक जिला मलेरिया अधिकारी को शासन से नहीं भेजा गया है। सहायक मलेरिया अधिकारी को ही चार्ज सौंपकर इस पद का काम चलाया जा रहा है।
सहायक मलेरिया अधिकारी के अलावा एक मलेरिया इंस्पेक्टर व एक सीनियर लैब टेक्नीशियन ही जिला में तैनात है। जिले में मलेरिया की जांच के लिए जिला अस्पताल एवं सात ब्लॉक स्तरीय स्वास्थ्य केंद्रों पर ही लैब संचालित हो रही है। वैसे जिला में 29 नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी बने हुए हैं, इनकी स्थिति काफी खराब है। इन स्वास्थ्य केंद्रों पर लैब सहायक के पद आज तक सृजित नहीं किए गए हैं। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों की मलेरिया की जांच नहीं हो पाती। ऐसे मरीजों को अपनी जांच के लिए निजी लैबों या फिर जिला या ब्लॉक स्तर के अस्पताल पर जांच के लिए निर्भर रहना पड़ता है। ऐसे में मरीजों को काफी परेशानी होती है। डेंगू की जांच की स्थिति तो और भी खराब है। मात्र जिला अस्पताल पर ही इसकी जांच के इंतजाम है।
जिले में इस साल मच्छरों का प्रकोप अभी से बढ़ गया है। जिससे लोगों की सेहत प्रभावित हो रही है। चिकित्सक मलेरिया के लक्षण मिलने पर मरीजों की जांच करा रहे हैं, लेकिन अभी मलेरिया के मामले सामने तो नहीं आए हैं, लेकिन आने वाले दिनों में मलेरिया के मामले मिलने की संभावना है।
मलेरिया विभाग में अधिकारी कर्मियों की स्थिति अधिकारी/ कर्मी -पद- स्थिति
जिला मलेरिया अधिकारी- 1- रिक्त
सहायक जिला मलेरिया अधिकारी-2-1
सीनियर मलेरिया इंस्पेक्टर 1-रिक्त
मलेरिया इंस्पेक्टर-3-1
सीनियर फील्ड वर्कर-1- रिक्त
फील्ड वर्कर-3- रिक्त
लिपिक -2-रिक्त
सीनियर लैब टैक्नीशियन-1-1
जिले में मलेरिया के अभी मामले सामने नहीं आ रहे, लेकिन मच्छरों के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सतर्कता शुरू कर दी गई है। बुखार पीड़ित मरीजों के रक्त की जांच करने एवं समय से रिपोर्ट देने तथा संक्रमित निकलने पर मरीज की निगरानी करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। – आलम सिंह, प्रभारी जिला मलेरिया अधिकारी
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