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मैनपुरी। डीपीआरओ बीते पांच दिनों से लंबे अवकाश पर हैं। वे कार्यालय का कार्यभार तो एडीपीआरओ रोहित कुमार को दे गए , लेकिन डीएससी (डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट) अपने साथ ले गए हैं। इससे एक सप्ताह पहले 549 ग्राम पंचायतों के लिए आई केंद्रीय वित्त आयोग की निधि लटक गई है। बिना डीएससी के इस धनराशि को खातों में भेजा जाना संभव नहीं है। डीपीआरओ का ऐसा करना ग्राम पंचायतों पर भारी पड़ रही है।
केंद्रीय वित्त आयोग द्वारा ग्राम पंचायतों में विकास कार्य कराने के लिए एक साथ बड़ी धनराशि निधि के रूप में भेजी जाती है। डीपीआरओ द्वारा डीएससी के माध्यम से प्रत्येक ग्राम पंचायत के खाते में ये धनराशि नियमानुसार रिसीव कराई जाती है। इस बार जिले की कुल 549 ग्राम पंचायतों के लिए कुल 10.77 करोड़ रुपये की धनराशि 15 फरवरी को ही जारी हो चुकी है। लेकिन 15 फरवरी से ही डीपीआरओ अविनाश चंद के अवकाश पर होने के चलते ये धनराशि ग्राम पंचायतों के खातों में नहीं जा पा रही है। ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन एक सप्ताह बाद भी उन्हें कोई जवाब नहीं मिल सका है।
क्षेत्र पंचायतें और जिला पंचायत भी परेशान
ग्राम पंचायतों के साथ-साथ जिले की नौ क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायत को भी केंद्रीय वित्त आयोग की धनराशि भेजी गई है। यह धनराशि भी डीपीआरओ के डीएससी से ही संबंधित क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के खाते में जा सकेगी। नौ क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायत के लिए कुल 2.30-2.30 करोड़ रुपये की धनराशि भेजी गई है।
विभाग में कई तरह की हैं चर्चाएं
ग्राम पंचायत के खाते में शासन से मिलने वाली धनराशि हस्तांतरित करने को लेकर विभाग में कई तरह की चर्चाएं हैं। इसके अनुसार अब तक ग्राम पंचायतों के लिए जारी होने वाली राज्य वित्त आयोग या केंद्रीय वित्त आयोग की किस्त एक से दो दिन में ही हस्तांतरित हो जाती थी। लेकिन अब तभी ये धनराशि हस्तांतरित होती है जब स्वयं ग्राम प्रधान या पंचायत सचिव स्वयं विभागीय अधिकारियों से मिलने जाते हैं। उच्चाधिकारियों के कान तक भी अब ये चर्चाएं पहुंचने लगी हैं।
केंद्रीय वित्त आयोग की निधि अगर आई है तो ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के खातों में तत्काल हस्तांतरित कराई जाएगी। डीपीआरओ से भी इस संबंध में जवाब मांगा जाएगा।
-विनोद कुुमार, प्रभारी जिलाधिकारी।
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