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आगरा। मानसिक स्वास्थ्य व चिकित्सा संस्थान में ठंड बढ़ने के बाद से अल्कोहल और गाजा का सेवन करने वाले नशे के मरीजों की संख्या बढ़ी है। ओपीडी में रोजाना 12 से 15 मरीज पहुंच रहे हैं। इन मरीजों ने ठंड से बचाव के नाम पर इन दिनों नशे का सेवन बढ़ा दिया है। इससे वह मानसिक तौर पर बीमार हो हैं। गुस्सा या मारपीट कर हैं।
संस्थान के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार ने बताया कि ठंड बढ़ने के बाद ओपीडी में मरीजों की संख्या अपेक्षाकृत कम हुई। पहले 300 से अधिक मरीज पहुंचते थे। इस समय संख्या करीब 200 रह रही है। इन दिनों ठंड बढ़ने की वजह से तनाव वाले और नशे का सेवन अधिक करने वाले (खासतौर पर अल्कोहल व गाजा) मरीज बढ़े हैं। उन्हाेंने बताया कि लोगों में मिथक है कि अल्कोहल का सेवन करने से ठंड कम लगती है। इन दिनों में नशे का सेवन करने वाले लोग खुराक बढ़ा देते हैं। इसका उनके मानसिक स्वास्थ्य पर और अधिक बुरा प्रभाव पड़ रहा है। ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि अल्कोहल का सेवन करने से ठंड कम लगती है। नशा करने वाला व्यक्ति मानसिक तौर पर भले ही महसूस करता हो।
ओपीडी में जिन मरीजों को लाया जा रहा है, वह नशे का अधिक मात्रा में सेवन करने की वजह से असामान्य व्यवहार कर रहे हैं। परिवार के सदस्यों के साथ बाहर भी झगड़ रहे हैं। जो मरीज नशे के लती हो गए हैं, उनको भर्ती कर लिया जा रहा है, बाकी को दवा दी जा रही है।
डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार का कहना है कि ठंड के मौसम की वजह से जो लोग तनावग्रस्त हो रहे हैं, उनको धूप लेने की सलाह दी जा रही है। धूप लेने और खुले में रहने से तनाव कम होता है।
आगरा। मानसिक स्वास्थ्य व चिकित्सा संस्थान में ठंड बढ़ने के बाद से अल्कोहल और गाजा का सेवन करने वाले नशे के मरीजों की संख्या बढ़ी है। ओपीडी में रोजाना 12 से 15 मरीज पहुंच रहे हैं। इन मरीजों ने ठंड से बचाव के नाम पर इन दिनों नशे का सेवन बढ़ा दिया है। इससे वह मानसिक तौर पर बीमार हो हैं। गुस्सा या मारपीट कर हैं।
संस्थान के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार ने बताया कि ठंड बढ़ने के बाद ओपीडी में मरीजों की संख्या अपेक्षाकृत कम हुई। पहले 300 से अधिक मरीज पहुंचते थे। इस समय संख्या करीब 200 रह रही है। इन दिनों ठंड बढ़ने की वजह से तनाव वाले और नशे का सेवन अधिक करने वाले (खासतौर पर अल्कोहल व गाजा) मरीज बढ़े हैं। उन्हाेंने बताया कि लोगों में मिथक है कि अल्कोहल का सेवन करने से ठंड कम लगती है। इन दिनों में नशे का सेवन करने वाले लोग खुराक बढ़ा देते हैं। इसका उनके मानसिक स्वास्थ्य पर और अधिक बुरा प्रभाव पड़ रहा है। ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि अल्कोहल का सेवन करने से ठंड कम लगती है। नशा करने वाला व्यक्ति मानसिक तौर पर भले ही महसूस करता हो।
ओपीडी में जिन मरीजों को लाया जा रहा है, वह नशे का अधिक मात्रा में सेवन करने की वजह से असामान्य व्यवहार कर रहे हैं। परिवार के सदस्यों के साथ बाहर भी झगड़ रहे हैं। जो मरीज नशे के लती हो गए हैं, उनको भर्ती कर लिया जा रहा है, बाकी को दवा दी जा रही है।
डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार का कहना है कि ठंड के मौसम की वजह से जो लोग तनावग्रस्त हो रहे हैं, उनको धूप लेने की सलाह दी जा रही है। धूप लेने और खुले में रहने से तनाव कम होता है।
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