[ad_1]
संवाद न्यूज एजेंसी, आगरा
Updated Wed, 08 Nov 2023 12:40 AM IST
गंजडुंडवारा। जीएसटी के वर्ष 2017 से 2019 के नोटिस जारी किए जाने से व्यापारियों में रोष है। उद्योग व्यापार मंडल ने उपजिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर नोटिस के समाधान की मांग की है। उनका कहना है कि इस संबंध में पहले भी नोटिस जारी हो चुके हैं। अब फिर से नोटिस जारी होने से व्यापारियों के सामने दिक्कतें बढ़ गई हैं। नगर अध्यक्ष रामकुमार गुप्ता ने कहा कि जुलाई 2017 में देश में जीएसटी व्यवस्था शुरू की गई थी। जीएसटी वर्ष 2017 से 2019 के कार्यों की सुनवाई के लिए पहले भी नोटिस जारी किए गए थे। अब फिर से नोटिस जारी किए जा रहे हैं, जिससे व्यापारियों के सामने दिक्कतें बढ़ गई हैं। जीएसटी धारा 73 के अंतर्गत नोटिस जारी करने का समय ,सीमा संबंधित वित्तीय वर्ष की वार्षिक विवरण की तिथि से तीन वर्ष निर्धारित की गई, जिसमें 2017, 2018 की वार्षिक विवरण की तिथि जमा करने की 7 फरवरी 2020 थी। दो वर्ष कोरोना काल के कारण धारा 73 के अंतर्गत नोटिस जारी करने की तिथि 31 दिसंबर 2023 कर दी गई है। इससे 6 वर्ष का मय पेनॉल्टी का ब्याज देने के लिए व्यापारी को बाध्य होना पड़ेगा जो मूल राशि से अधिक है और न्यायोचित नहीं है। ब्याज की दर 18 प्रतिशत वार्षिक है, जो बहुत अधिक है, यह 6 प्रतिशत वार्षिक से अधिक नहीं होना चाहिए। जीएसटी की धारा 73 के अंतर्गत पेनॉल्टी की राशि को कर की राशि से 10 और 10000 रुपये से कम दोनों में से जो कम हो निर्धारित की जाए। जिन व्यापारियों पर जीएसटी 9 सी लागू नही होता इस बिंदु पर नोटिस जारी नहीं किए जाएं। यदि विसंगतियों का अंतर 5000 रुपये से कम है उन्हें भी नोटिस जारी नहीं किये जाएं। इस दौरान महामंत्री शाहिद पापुलर, सोमवीर सिंह, गौरव गुप्ता, अखंड प्रताप, उदित विजय आदि मौजूद रहे।
[ad_2]
Source link