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संवाद न्यूज एजेंसी, आगरा
Updated Thu, 26 Oct 2023 12:02 AM IST
कासगंज। शासन से यू डायस पर डाटा अपलोड कराने के बाद से मदरसोंं की पोल खुल रही है। सात मदरसे मान्यता सरेंडर कर देने के बाद बंद हो गए हैं। पांच अन्य मदरसों ने मान्यता सरेंडर करने के लिए आवेदन किया है। इन मदरसों से मान्यता के कागज जमा करने के लिए नोटिस देकर तीन दिन का समय दिया गया है।
शासन से बेसिक शिक्षा परिषद, माध्यमिक शिक्षा परिषद, मदरसा बोर्ड आदि से संचालित शिक्षण संस्थानों में शिक्षारत बच्चों का पूरा विवरण संग्रहित कराने की व्यवस्था लागू कर दी गई है। शिक्षण संस्थानों के संचालन के लिए मान्यता के मानक निर्धारित हैं। मानक से कम छात्र संख्या होने पर संस्थान का संचालन नहीं किया जा सकता। वर्ष 2022-23 का यू डायस का कार्य पूरा हो गया। इसके बाद मदरसों में मानक के अनुसार छात्र संख्या पूरी न होने पर खलबली मची हुई है। ऐसे सात मदरसों ने अपनी मान्यता समर्पित कर दी। जिससे इनका संचालन बंद हो गया। पांच मदरसों ने शिक्षासत्र 2022-23 एवं 2023-24 में संचालन न करने के लिए आवेदन किया। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने नोटिस देकर मान्यता के प्रपत्र जमा करने के निर्देश दिए हैं। संचालकों को नोटिस के माध्यम से अवगत कराया गया है कि मान्यता स्थाई रूप से जमा या समर्पित की जाती है न कि आज बंद कर दें और बाद में फिर चालू कर लें ।
ये हैं मदरसा संचालन का मानक
मदरसा नियमावली 2016 के मुताबिक तहतानिया से मुंशी-मौलवी तक की मान्यता के लिए मदरसे में कम से कम डेढ़ सौ विद्यार्थियों का होना अनिवार्य है। इनमें मुंशी-मौलवी में 30 से कम विद्यार्थी नहीं होने चाहिए। इसके अलावा आलिम, कामिल और फाजिल की मान्यता के लिए कम से कम 10 विद्यार्थियों का परीक्षाओं में शामिल होना जरूरी है।
वर्जन
जिले में सात मदरसों की मान्यता सरेंडर के बाद उनका संचालन बंद हो चुका है। पांच मदरसों ने मान्यता सरेंडर करने के लिए आवेदन किया है इनको तीन दिन का समय देकर मान्यता के प्रपत्र जमा करने के निर्देश दिए गए हैँ-शालिनी रंजन, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी
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