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संवाद न्यूज एजेंसी, आगरा
Updated Tue, 07 Nov 2023 12:07 AM IST
कासगंज। अब नवजात शिशु लावारिस हाल में इधर-उधर सड़क किनारे या झाड़ियों में पड़े नजर नहीं आएंगे। स्वास्थ्य विभाग ऐसे अनचाहे शिशुओं का जीवन बचाएगा। जिला अस्पताल पर इसके लिए एक पालना लगेगा। यदि शिशु किसी बीमारी से ग्रस्त होगा तो उसका जिला अस्पताल की एसएनसीयू में भर्ती कर इलाज भी होगा।आमतौर पर देखा जाता है कि मनचाहे बच्चे की प्राप्ति न होने अथवा अन्य कारणों से नवजात को झाड़ी, सड़क या फिर डस्टबिन में फेंके जाने के मामले आए दिन सामने आते हैं। कई बार ऐसा भी होता है कि विधिक रूप से दांपत्य जीवन में नहीं होने के चलते भी लोग यह नवजात को इधर-उधर फेंक देते हैं। वहीं तमाम लोग बच्चे की गंभीर बीमारी के चलते भी उसे फेंक देते हैं, जिससे नवजात शिशु का जीवन संकट में पड़ जाता है। ऐसे बच्चों का जीवन अब स्वास्थ्य विभाग बचाएगा। जिला अस्पताल के मुख्य दरवाजे पर एक पालना लगेगा। इसके साथ ही एक घंटा भी लगाया जाएगा, जिससे नवजात शिशु को पालने में रखे जाने की जानकारी विभाग को तुरंत हो सके। इसके बाद जिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ बच्चे का स्वास्थ्य परीक्षण करेंगे। यदि बच्चा सांस लेने में दिक्कत, कम वजन, हाइपोथर्मिया, पीलिया, रक्त में ऑक्सीजन का स्तर कम होना, हृदय की अनियमित धड़कन होना सहित अन्य बीमारियों से ग्रसित पाया जाता है तो स्पेशल न्यूबोर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) में भर्ती कर उसका इलाज होगा। बच्चे के स्वस्थ होने के बाद बाल संरक्षण के सुपुर्द किया जाएगा, जिससे उसका पालन पोषण हो सके।
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