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मैनपुरी। डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे जिला अस्पताल को नए डॉक्टर मिलने की उम्मीद एक बार फिर से टूट गई है। विभाग की ओर से हाल ही में किए गए स्थानांतरण में जिला अस्पताल को एक मात्र डॉक्टर मिला, जबकि यहां तैनात ईएनटी विशेषज्ञ का स्थानांतरण कर दिया गया। ऐसे में अस्पताल का एक और विभाग डॉक्टर विहीन हो गया है।
जिला अस्पताल पिछले कई सालों से डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है। हर साल जून में डॉक्टर मिलने की उम्मीद बंधती है, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही रहता है। यदि कोई नया डॉक्टर मिलता है तो पहले से यहां तैनात डॉक्टर का स्थानांतरण कर दिया जाता है। इस बार भी यही हुआ है। महाराजा तेज सिंह जिला अस्पताल में तैनात एकमात्र ईएनटी सर्जन डॉॅ. दीपिका बाजपेयी का स्थानांतरण बलरामपुर चिकित्सालय लखनऊ में चिकित्साधिकारी के रूप में किया है। डॉ. दीपिका बाजपेयी के स्थानांतरण के बाद जिला अस्पताल का ईएनटी विभाग फिर से डॉक्टर विहीन हो गया है। वहीं विभाग ने झांसी में तैनात एसीएमओ डॉ. कमलेश कुमार जैन को जिला अस्पताल मैनपुरी में वरिष्ठ परामर्शदाता के रूप में तैनाती दी है।
जिला अस्पताल में डॉक्टरों की तैनाती की यदि बात करें तो पता चलता है कि यहां 27 पद सृजित हैं इसमें से मात्र 13 डॉक्टरों की ही तैनाती है 14 पद रिक्त चल रहे हैं। इसके चलते जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने में परेशानी उठानी पड़ रही है। सीएमएस ने जिला अस्पताल में डॉक्टरों की तैनाती के लिए विभाग और शासन को पत्र लिखा था। इससे उम्मीद थी कि अस्पताल को 3 से 4 डॉक्टर मिल सकते हैं, लेकिन विभाग से हुए स्थानांतरण में मात्र एक डॉक्टर ही मिला जबकि एक का यहां से स्थानांतरण कर दिया गया।
ये विभाग हैं डॉक्टर विहीन
सर्जिकल विभाग ::
सर्जिकल विभाग में एक मात्र डॉ. गौरव पारिक की तैनाती है। जो लंबे समय से अस्पताल नहीं आए हैं। दो दिन पहले वे अस्पताल आए थे, लेकिन बिना कार्यभार ग्रहण किए ही फिर से बिना बताए वापस चले गए। सर्जिकल विभाग में पिछले 4 महीने से मरीजों को उपचार नहीं मिल रहा है।
ईएनटी विभाग :
नाक, कान, गला विभाग में एकमात्र डॉक्टर दीपिका बाजपेयी की तैनाती थी। वे पिछले छह महीने से अवकाश पर चल रही थीं। अब उन्होंने अपना स्थानांतरण भी करा लिया। इसके चलते अब यहां आने वाले मरीजों को भविष्य में भी उपचार मिलने की उम्मीद समाप्त हो गई है।
हृदय रोग विभाग ::
इस विभाग में पिछले 7 साल से ताला लटक रहा है। हृदय रोग विशेषज्ञ की तैनाती नहीं होने के कारण यहां आने वाले मरीजों को आते ही रेफर कर दिया जाता है। हृदय की बीमारियों के मरीजों को तुरंत उपचार की जरूरत होती है, लेकिन जिले में डॉक्टर नहीं होने के कारण तुरंत उपचार न मिलने से कई लोगों की मौत हो जाती है।
100 शैया अस्पताल को मिला एक ईएमओ
फिरोजाबाद जनपद में तैनात डॉक्टर हृदयराम को 100 शैया अस्पताल में ईएमओ के पद पर स्थानांतरित कर भेजा है। 100 शैया अस्पताल की इमरजेंसी व्यवस्थाओं में इससे कुछ सुधार होगा।
ईएनटी सर्जन का तबादला कर दिया गया है। डॉक्टरों की कमी के कारण व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने में दिक्कतें आ रही हैं। जो डॉक्टर उपलब्ध हैं उनसे हर संभव उपचार दिलाया जा रहा है।
डॉ. मदनलाल, सीएमएस
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