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मैनपुरी। सेप्टेज को शोधित करने के लिए जिले में छह महीने पहले शुरू किया गया फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट (एफएसटीपी) कागजों में ही चलता हुआ नजर आ रहा है। मौके पर न तो प्लांट पर सीवेज को लिया जा रहा है और न ही किसी प्रकार की खाद बनाई जा रही है। प्लांट पर पहुंचने वाले सीवेज से भरे टैंक वापस किए जा रहे हैं जिससे नगर पालिका प्रशासन को भी परेशानी उठानी पड़ रही है।
पॉवर हाउस स्थित जल निगम कार्यालय परिसर में 90 लाख रुपये की लागत से एफएसटीपी का निर्माण किया गया है। जल निगम ने नगर पालिका प्रशासन को भेजी सूचना में बताया है कि अक्तूबर 2022 से प्लांट ने काम करना शुरू कर दिया है। प्लांट के संचालन की जिम्मेदारी नोएडा की संस्था रूबीकॉन कंस्ट्रक्शंस प्राइवेट लिमिटेड को सौंपी गई है। संस्था ने छह महीने पहले काम शुरू किया था लेकिन पिछले कुछ दिनों से काम पूरी तरह से बंद पड़ा है। इसकी क्षमता 23 किलो लीटर प्रति दिन की है। लेकिन छह महीने में एक दिन के बराबर का काम नहीं हुआ है। प्लांट केवल कागजों में ही दौड़ रहा है। नगर पालिका प्रशासन की गाडिय़ां यहां प्रतिदिन सीवेज लेकर पहुंच रही हैं लेकिन प्लांट से सीवेज वापस किया जा रहा है।
चालक बोला मांगे जा रहे 500 रुपये
नगर पालिका की तरफ से प्लांट के लिए लगाई गई गाडिय़ों का संचालन चालक संजीव कुमार की देख रेख में किया जा रहा है। चालक संजीव कुमार ने बताया कि वह पिछले एक सप्ताह में पांच बार सीवेज की गाडिय़ां लेकर प्लांट पर पहुंचा यहां प्लांट पर सीवेज लेने से मना किया जा रहा है। यहां तैनात कर्मचारी द्वारा उससे 500 रुपये मांगे जा रहे हैं। चालक ने प्लांट बंद होने और सीवेज न लेने की जानकारी ईओ लालचंद भारती को दी है।
क्यों पड़ी प्लांट की जरूरत
मैनपुरी शहर की पुरानी बस्तियों में सीवेज लाइन के कनेक्शन टैंक से हैं। ऐसे में इसमें केवल पानी ही आता है। जब सेप्टिक टैंक की सफाई कराई जाती है तो उससे निकलने वाले सेप्टेज को नाले में या खुले में छोड़ दिया जाता है। इसके शोधन के लिए एफएसटीपी की जरूरत थी। इसके लिए जल निगम ने शासन को प्रस्ताव भेजा था और प्रशासन ने मंजूरी दी थी।
हाईलाईट्स
-02 लाख के करीब है शहर की आबादी
-30 हजार के करीब है शहर में घरों की संख्या
-90 लाख से की गई है फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना
-23 किलो लीटर प्रतिदिन ट्रीटमेंट की है क्षमता
एफएसटीपी पर ट्रीटमेंट का काम जारी है। प्लांट में सीवेज पहुंचाने के लिए नगर पालिका को जिम्मेदारी दी गई है। नगर पालिका से सीवेज प्लांट पर नहीं पहुंच रहा है, जिसके चलते प्लांट कभी-कभी बंद रहता है। सीवेज पहुंचने पर ही प्लांट चालू होता है।
अवध बिहारी पाठक, अवर अभियंता जल निगम
चालक द्वारा जानकारी दी गई है कि प्लांट बंद चल रहा है। यहां पहुंच रही सीवेज के टैंकों को भी वापस किया जा रहा है। जिसके चलते चालक समस्या खड़ी हो रही है। मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी जा रही है।
लालचंद भारती ईओ, नगर पालिका
प्रदीप कुमार यादव
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