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संवाद न्यूज एजेंसी, आगरा
Updated Mon, 17 Apr 2023 12:39 AM IST
कासगंज। अतीक और अशरफ की हत्या में शूटर के रूप में अरुण मौर्य पुत्र दीपक कुमार का नाम सामने आने पर पहले तो गांव के लोगों ने उसके बारे में बताया। लेकिन बाद में जब वास्तविकता सामने आई तो सभी के चेहरों पर घबराहट थी। वह कुछ समझ नहीं पा रहे थे। ऐसी स्थिति में ग्रामीणों ने चुप्पी साध ली और गांव की गलियों में सन्नाटा पसर गया। पुलिस और मीडिया को कोई विस्तार से जानकारी नहीं दे रहा था। जिससे भी बातचीत हो रही थी वह दबी जुबान में बात कर रहा था। गांव के प्रधान के प्रतिनिधि प्रभात सक्सेना को जब अरुण के शूटर होने की जानकारी मिली तो वह भी सकते में आ गए। अरुण के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि वह पानीपत में ही पैदा हुआ। गांव में सुबह अरुण के पिता दीपक गोलगप्पे बना रहे थे, लेकिन कुछ देर बाद गायब हो गए। इतनी बात करने के बाद ही प्रधान प्रतिनिधि कहीं चले गए। मौके पर पहुंची पुलिस ने प्रधान प्रतिनिधि को बुलाया तो वे मौके पर आ गए। तभी कुछ ग्रामीणों ने उन्हें इशारा कर दिया और वापस लौट गए। इसके बाद पुलिस पिता दीपक के घर के आस पास लोगों से बातचीत करती रही, लेकिन किसी के द्वारा संतोषजनक तरीके से बातचीत नहीं की गई। गांव की गलियों और पेड़ों के नीचे बैठकर चर्चा करने वाले लोग भी घर चले गए। दोपहर बात तक यही आलम था।
कासगंज। शूटर अरुण मौर्य अपने भाई बहनों में सबसे बड़ा है। उसकी एक छोटी बहन 13 साल की सपना है जो कादरवाड़ी में ही माता पिता के साथ रहती है और सबसे छोटा भाई अनिकेत 12 वर्ष का है।
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