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आगरा सदर तहसील
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
आगरा सदर तहसील में स्टांप वेंडर का 10 लाख रुपयों से भरा बैग चाचा-भतीजों के गैंग झपट ले गया था। पुलिस ने दो भतीजों को गिरफ्तार कर बृहस्पतिवार को घटना का खुलासा किया। इनसे 84,500 रुपये बरामद किए गए हैं। आरोपी तहसील में रुपये लेकर आने वालों की रेकी करते हैं और मौका पाते ही वारदात को अंजाम देते हैं। पुलिस अब फरार चाचा और उसके एक साथी को ढूंढ रही है।
मिढ़ाकुर निवासी मुश्ताक तहसील में स्टांप वेंडर हैं। उनके साथ 18 जनवरी को घटना हुई थी। स्टांप बेचकर मिले 10 लाख रुपयों को एक बैग में उन्होंने रखा था। बैग को टेबल पर रखकर जूते के फीते बांधने के लिए झुके तभी एक युवक बैग झपट कर भाग निकला। सूचना पर पुलिस पहुंची। एक सीसीटीवी फुटेज में दो युवक बाहर निकलते और ऑटो से जाते नजर आए थे। पुलिस आयुक्त ने घटना के खुलासे के लिए एसीपी लोहामंडी गिरीश कुमार और थाना शाहगंज पुलिस की टीम को लगाया था। बृहस्पतिवार को पुलिस को मुखबिर से आरोपियों के बारे में सूचना मिली। इसके बाद गांव सुचेता कट से दो भतीजों को गिरफ्तार कर लिया।
डीसीपी सिटी विकास कुमार ने बताया कि मैनपुरी कोतवाली स्थित विशाल गोस्वामी उर्फ ज्वाला और उसके भाई शिवम गोस्वामी उर्फ खली उर्फ छोटू को गिरफ्तार किया है। विशाल हाल में फिरोजाबाद तो शिवम नगला परसोती, सदर में रह रहा था। उनसे 84,500 रुपये बरामद किए गए। वो जेब कटी करते हैं। तहसील में सक्रिय रहते हैं। स्टांप वेंडर के यहां चोरी में उनके साथ चाचा धर्मेंद्र गोस्वामी और उनका एक साथी भी आया था।
पूरे किए शौक, जुए में भी उड़ाई रकम
पुलिस की पूछताछ में विशाल ने बताया कि घटना वाले दिन वो अपने भाई शिवम, चाचा धर्मेंद्र और उनके साथी के साथ आया था। वह और उसके चाचा के साथी ने बैग चुराया। चाचा और भाई बाहर निगरानी कर रहे थे। बैग लेने के बाद दोनों तहसील चौराहे से ऑटो में बैठ गए थे। ईदगाह कटघर तक गए थे। वहां चाचा ने बैग ले लिया। उसमें 6 लाख रुपये मिलने के बारे में बताया। चाचा ने डेढ़-डेढ़ लाख रुपये दोनों भाइयों को दिए थे। बाकी रकम अपने पास रख ली। दोनों भाइयों ने शौक पूरे करने में रुपये खर्च कर दिए। कुछ रकम जुए में हार गए। वह राजस्थान जाने वाले थे। इसके लिए गांव सुचेता आए थे। अपने चाचा का इंतजार कर रहे थे, तभी पकड़ लिए गए।
विशाल पर 16 मुकदमे विशाल के खिलाफ आगरा में 16 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें ताजगंज, खंदौली, हरीपर्वत, जीआरपी कैंट, शाहगंज, बरहन और कोतवाली मथुरा थाना भी शामिल है। चाचा-भतीजों का गैंग तहसील में सक्रिय रहता है। रुपये लेकर आने वालों पर नजर रखते थे। छोटी रकम चुराने पर लोग शिकायत करने नहीं जाया करते थे। इस बार बड़ा हाथ मारा लेकिन पकड़ गए।
बाकी रकम कहां गई?
स्टांप वेंडर के बैग में 10 लाख रुपये थे। पुलिस ने जब चोरों को पकड़ा तो 84500 रुपये बरामद हुए। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि बैग में 6 लाख रुपये मिले थे, जिसे आपस में बांट लिया था। ऐसे में सवाल उठता है कि बाकी के 4 लाख रुपये कहां चले गए। पुलिस ने वेंडर से रकम से संबंधित सभी दस्तावेज मांगे हैं। उधर, अभी आरोपियों का चाचा गिरफ्तार नहीं किया गया है। ऐसा भी हो सकता है कि चाचा ने भतीजों से झूठ बोला हो। इसके बारे में पड़ताल की जा रही है।
अधिवक्ताओं ने नहीं दिया ज्ञापन
वारदात के विरोध में बृहस्पतिवार को तहसील के अधिवक्ता, दस्तावेज लेखक और वेंडरों ने पैदल मार्च निकाला था। पुलिस लाइन में पुलिस आयुक्त कार्यालय पहुंचे थे। आरोप है कि वहां पर एक इंस्पेक्टर मिले। उन्होंने अभद्रता कर दी। इस पर सभी बिना ज्ञापन के लौट गए।
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