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कासगंज। इस दिवाली पर गन्ना किसानों को 29.65 करोड़ रुपये के बकाया गन्ना मूल्य मिलने की आशा थी, लेकिन चीनी मिल ने गन्ना किसानों को बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं किया। भुगतान न मिलने से किसान परेशानियों का सामना कर रहे हैं और उन्हें दिवाली का त्योहार फीका नजर आ रहा है। किसानों को गन्ना मूल्य भुगतान के लिए चीनी मिल पर शासन और प्रशासन द्वारा दबाव बनाया गया, नोटिस जारी किए गए। इसके बाद कुछ बकाया मूल्य का भुगतान हुआ, लेकिन पूरा भुगतान नहीं हो सका। जबकि चीनी मिल का नया पेराई सत्र शुरू हो चुका है।
गन्ना क्षेत्र के किसानों पर गंगा की बाढ़ का प्रकोप भी हो चुका है। जिससे किसानों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा। जिससे किसान परेशान हुए। खेती किसानी में भी नुकसान हुआ। बाढ़ के बाद बुखार और बीमारी के प्रकोप ने भी किसानों पर आर्थिक बोझ बढ़ा दिया। जिससे किसान परेशान हुए। गन्ना किसान नेता शंकरपाल सिंह का कहना है कि गन्ना विभाग की अनदेखी के कारण चीनी मिल ने दिवाली पर भी किसानों का बकाया भुगतान दिया। गन्ना किसानों के लिए यह दिवाली फीकी है। उन्होंने कहा कि सरकार का आदेश 14 दिन में गन्ना मूल्य का भुगतान करने का है, लेकिन इस आदेश का पालन चीनी मिल के द्वारा नहीं किया गया। किसान काफी आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चीनी मिल अपनी मनमानी कर रहा है। गन्ना विभाग चीनी मिल के लिए किसानों के गन्ने का आरक्षण तो करता है, लेकिन गन्ने का समय से भुगतान नहीं कराता। किसान राजपाल सिंह, इंद्रपाल सिंह, कुंवर सिंह, विजयपाल सिंह, शैलेंद्र कुमार, शांतिस्वरूप उपाध्याय, हाकिम सिंह, जितेंद्र, दीनदयाल ने जिला प्रशासन से किसानों के गन्ना मूल्य के बकाए के भुगतान की मांग की।
वर्जन-
– गन्ना विभाग लगातार चीनी मिल प्रशासन से गन्ना मूल्य के भुगतान कराने की कोशिश में जुटा है। दिवाली के बाद किसानों को गन्ना के बकाया मूल्य का भुगतान मिलेगा। चीनी मिल प्रशासन ने गन्ना विभाग को भुगतान का भरोसा दिया है।- ओमप्रकाश सिंह, जिला गन्ना अधिकारी।
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