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संवाद न्यूज एजेंसी, आगरा
Updated Wed, 15 Nov 2023 11:35 PM IST
सोरोंजी। कछला घाट पर सोमवती अमावस्या पर एक बुजुर्ग श्रद्धालु ने गंगा स्नान करने के बाद तट पर बैठकर मां गंगा का जाप करते हुए अपने प्राण त्याग दिए। परिजनों ने सोरोंजी के श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया। अस्थियां हरि की पौड़ी में प्रवाहित कर दीं।मध्य प्रदेश के जनपद मुरैना की तहसील जोरा के ग्राम भेसाई निवासी जगन्नाथ अपने भाई दर्शनलाल व पुत्र राम अवतार व अन्य परिजनों के साथ सोमवती अमावस्या पर गंगा स्नान करने के लिए तीर्थनगरी आए। उन्होंने तीर्थनगरी में अपने तीर्थ पुरोहित केशव देव फर्सेवार से हरि की पौड़ी किनारे अपने पूर्वजों की आत्म शांति के लिए पूजन अनुष्ठान कराया। इसके बाद वह गंगा स्नान करने के लिए कछला घाट चले गए। वहां जगन्नाथ (80 वर्ष) ने गंगा स्नान करने के बाद गंगा तट पर गंगा मैया की हाथ जोड़कर स्तुति करते समय प्राण त्याग दिए। उनके इस तरह प्राण त्यागने से लोग आश्चर्यचकित होकर गंगा मां के जयकारे लगाने लगे। दिवंगत जगन्नाथ के अंतिम दर्शन के लिए घाट पर लोगों का हुजूम लग गया। दिवंगत जगन्नाथ के पुत्र राम अवतार ने बताया कि सैकड़ों वर्षों से सोरोंजी तीर्थनगरी में हमारे परिवार के लोग अपने दिवंगत पूर्वजों के मोक्ष की कामना करने के लिए आते रहे हैं। उनकी अस्थियां को लाकर हरि की पौड़ी में प्रवाहित करते आए हैं। आज हमारे पिता ने इस पवित्र सूकर क्षेत्र की धरा पर प्राण त्याग कर सीधे मोक्ष को गमन किया है। यह हमारे लिए गर्व की बात है। कछला घाट से लौटकर जगन्नाथ के पुत्र राम अवतार ने सोरोंजी के श्मशान घाट पर जगन्नाथ का अंतिम संस्कार कर दिया और हरि की पौड़ी में उनका अस्थि विसर्जन कर दिया गया।
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