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कासगंज। गंगा नदी उफान पर है। सोमवार को उफान कुछ कम होने की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन हरिद्वार में गंगानदी के भीमगोड़ा बैराज पर पानी का दबाव बढऩ़े से बैराज का एक गेट टूट गया। जिससे 1.75 लाख क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज कर दिया गया। इससे पहले यह डिस्चार्ज केवल 80 हजार क्यूसेक के आस पास था। बिजनौर का डिस्चार्ज भी 1.78 लाख क्यूसेक का था। पीछे से पानी का दबाव बड़े रहने के कारण नरौरा बैराज से डिस्चार्ज कम नहीं हो पा रहा। जिससे लगातार 2.11 लाख क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज बना हुआ है। डिस्चार्ज कम न होने के कारण सिंचाई विभाग के अफसरों के माथे पर चिंता की लकीरें हैं वहीं ग्रामीण भी बेचैन हैं। जिले के 20 से अधिक गांव गंगा के पानी से घिरे हुए हैं और कई गांव की आबादी तक गंगा के पानी की दस्तक है। बाढ़ प्रभावित किसौल के 3 परिवारों ने दूसरे गांव में अपना सामान ले जाकर शरण ली है।
जिले में मीडियम फ्लड के हालात पिछले तीन दिनों से बने हुए हैं। प्रभावित इलाकों में गंगानदी की बाढ़ के पानी का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। अभी तक 5 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल की फसलें गंगानदी की बाढ़ से जलमग्न हैं। मक्का और मूंगफली किसानों को फसलों को लेकर काफी चिंता है। सोरोंजी, नगरिया के इलाके में बाढ़ का पानी लगातार सोमवार को बढ़ता रहा। दतलाना गांव की आबादी में 3 दिन पहले ही पानी आ गया था, लेकिन सिंचाई विभाग ने गांव पानी निकालने के लिए कच्चे बांध को काटा, लेकिन पानी बढऩे के कारण काटा गया बंधा अपने आप कटने लगा है और काफी कट चुका है।
बंधे के दोनों ओर बाढ़ का पानी है। दतलाना गांव के पंचायतघर, स्कूल और गांव की सडक़ों तक पानी है, लेकिन घरों में पानी नहीं घुसा है। ग्रामीण बेहद चिंतित हैं। लहरा के खेत खलियानों में भी बाढ़ का पानी लगातार बढ़ रहा है। महमूदपुर पुख्ता, नगला दल, अभयपुरा, डिंगलेश नगर के इलाकों में भी खेत जलमग्न हैं। नगरिया इलाके में रेलवे लाइन के पास तक पानी पहुंच गया है। नगरिया फार्म इलाके के खेतों में बाढ़ का पानी भरा हुआ है। बाढ़ को लेकर इन इलाकों में संवेदनशीलता बढ़ती जा रही है। यदि जलस्तर में कमी नहीं आई तो घरों तक पानी पहुंचेगा। सहावर-पटियाली क्षेत्र के गांव किलौनी किसौल में लगातार बाढ़ का पानी बढ़ता जा रहा है। किसौल के तीन परिवारों के मकानों और कच्ची झोपडिय़ों में पानी घुस गया जिससे इन परिवारों ने अपना जरूरी सामान निकालकर पड़ोसी गांव में किलौनी में शरण ली है। ग्रामीण सुलेमान, सुलतान और पुद्दन ने अपने घर का जरूरी सामान दूसरे स्थान पर पहुंचा दिया है। वहीं अजीतनगर गांव के आबादी क्षेत्र में पानी भरता जा रहा है। बमनपुरा गांव में आधे आबादी क्षेत्र तक बाढ़ के पानी की दस्तक है। जिससे ग्रामीण आवाजाही को लेकर परेशान है। गांव के आस पास खेतों में कई कई फुट पानी भरा है। जिससे ग्रामीणों की दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं। हैबतपुर-मोहन नगला की ओर से लगातार बाढ़ का पानी बूढ़ी गंगा की धारा में जा रहा है। जिससे बूढ़ी गंगा भी बढऩे लगी है। गंाव में पानी भर जाने के कारण ग्रामीणों के घर बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं। जिससे उनका जनजीवन प्रभावित हो रहा है। प्रभावित इलाके में लोगों ने अपने पशुओं को ऊंचे स्थान पर सडक़ों की ओर बांध दिया है। वहीं कछला ब्रिज पर जलस्तर में 5 सेंटीमीटर वृद्धि हुई।
कच्चे बांधों पर बढ़ रहा खतरा
कासगंज। पानी का दबाव लगातार बढऩे से जहां दतलाना का कच्चा बांध लगातार कट रहा है। वहीं उढ़ेर के बांध पर खतरा बढ़़ता जा रहा है। पहले से कमजोर हुए इस बांध को मरम्मत कराकर सही किया गया है, लेकिन यह बांध कब तक बढ़े हुए पानी का दबाव झेल पाएगा कुछ कहा नहीं जा सकता। इसी तरह मेहोल बांध के बराबर तक पानी आ गया है और बांध में रिसाव भी है। नगला खंदारी के बांध में भी रिसाव हुआ जिसे सिंचाई विभाग ने सही कर दिया, लेकिन बांध के बराबर पानी आ चुका है।
बैराजों से पानी का डिस्चार्ज
रविवार रात 10 बजे- हरिद्वार- 86296 क्यूसेक।
रविवार रात 12 बजे – बिजनौर- 165219 क्यूसेक।
– नरौरा- 211074 क्यूसेक।
– कछला ब्रिज- 163.90 मीटर के निशान पर।
– गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है। कछला ब्रिज पर 5 सेंटीमीटर जलस्तर बढ़ा है। नरौरा का डिस्चार्ज भी लगातार 2.11 लाख क्यूसेक का बना हुआ है। हरिद्वार बैराज से रात्रि के समय अचानक डिस्चार्ज बढ़ाया गया। सिंचाई विभाग और राजस्व टीमें बाढ़ की स्थिति पर नजर रख रहीं हैं। बांधों की निगरानी के साथ मरम्मत भी की जा रही है- अरूण कुमार, अधिशासी अभियंता, सिंचाई।
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